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इश्क को खुदा की इबादत कहते हैं , करने वालों को पागल बताते हैं लोग ,
सुकूं है तो भला सुकूं क्यों है , देख तस्वीर सनम की दिल जलाते हैं लोग ,
ठोकरें मिन्नतें आरजू रतजगे ,बावजूद इश्क-ए-राह पर जाते हैं लोग !!
इक दफा मे जहां बयां कर देती सब आंखे , उसी पल ना जाने नजरें क्यो झुकाते हैं लोग !!
❤ ❤ ❤ ❤-
कैसी अजीब दास्तां है रिश्तों की,
कभी एक सच हज़ारों झुठ पर
भारी पड जाता है,
तो कभी एक झूठ लाखों सच पर।-
.........अजीब है.............ये.........दुनिया का दस्तूर........!!!
जैब भरा हो तो ठीक है नह हो तो आप ही का है कसूर-
न किसी के करीब रहूंगा,
न किसी को करीब रखूंगा...
हर कोई समझ जाएगा कि मुझे समझना मुश्किल है,
बस सबसे खुद को इतना "अजीब" रखूंगा...-
नजर उनकी मिली नजर मेरी भी मिली तो ये प्यार हो गया
जब नजर उनकी हटी तो ये महज एक इत्तेफाक हो गया ।।🍁-
अजीब इत्तेफाक है, मिल गए हो तूम मुझे
इश्क़ की तुरपाई में, सील दिए हो तुम मुझे
आसमां की ऊंचाइयों में, ढूँढता रहा मैं तुम्हें
किस्मत से जमीं में, मिल गए हो तुम मुझे
बड़ा मुश्किल खामोशियों को समझ पाना
बातों ही बातों में, दिल दिए हो तुम मुझे-
मेरे इश्क़ की भी अजीब कहानी हुई,
तुझ पे शुरू न जाने किस पे ख़त्म हुई..!-