जख्म कुरेद कर घाव को हरा कर लेता हूं।
सिद्धतो से अभी तक किसी ने तड़पाया नहीं।
जख्म तो दिये उसने बहुत, फिर भी मैं !
जख्म को देखकर, उसे याद कर लेता हूं।-
जिंदगी जीने की चाहत आई थी तेरे आने के साथ🤗
फिर क्यू चली गई एक बहाने के साथ😐🤔
मौत की आहट आती है तेरे जाने के बाद 😕😖
फिर क्यू नही चली आती है इस परवाने के पास🙄-
Zakham kisi ko Bhul kar bhi mat dikhana dost
Namak lehze me shaamil Kar ke ab log milte hain..💯-
जिसे तो जखम समझता है वो मेरे भी दिल का नासूर है,
तुने अपनी तो सोच ली जरा मेरा भी ख्याल कर....!-
वक़्त हर ज़ख़्म भर तो देगा।
पर निशान तो फिर भी रह जाएंगें ।।
वो लोग...
जो हमारी यादें तक भुला चुके हैं,
सच कहते हैं,वो याद बहुत आएगें ।।-
तुम्हारी याद के जब
ज़ख़्म भरने लगते हैं,
किसी बहाने तुम्हें याद
करने लगते हैं ! ! !-
Ghav mila tha mujhe to usse ...
Pr uski ada or yado nai zakham bna diya-
शख्स इतने बुरे भी ना थें हम ,मगर दिल पर ज़ख्म काफी गहरे है़ं।
अाप शांन्त बहता पानी समझे और हम चट्टान से हर वक्त चोट खाने वाली लहरें हैं।-
काश उसे भी होती मेरी चोट की फिक्र
तो आज ये जख्म इतना गहरा ना होता..!!-
जिस मुस्कान पर मरते हो ना,
पता है क्या की वो कितने ,
आंसू बहाने के बाद आती है।।।-