किसी सिरफिरे आशिक ने कहा था
वहो ज़िन्दगी ही क्या जिस मे मोहब्बत नहीं,
वो मोहब्बत ही क्या जिस में याद नहीं,
वहो याद हे क्या जिस में आप नहीं..
पर हम तो ये विचार कर बैठे..
ना जाने खुदा ने क्या सोच कर,
आपकी सीरत बनायीं होगी..
वो मेरी ख़ुशी के लिए,
खुद को कितना सताती है...
कभी भी खुद को इतना कमज़ोर,
न होनेय्य दिया में ने...
पर आज बिखर गया हु में, इस तन्हाई में...
यादें समेटे हुई,
आस लगा के, बैठे है हम...
कुछ वक़्त क लिए ही,
काश तुम आ जाते आज..!-
जीते हैं, मरते हैं (Part 2 of 2)
मरमिटने वाले होते हैं ऐसे दोस्त, ना मरमिटे, वो ना कैलाऐ दोस्त,
बैठे साथ-साथ, यूंही करने मजा, ना काम, ना धंधा, यूंही गप्पे मारना,
वो तु, वो तेरा, वह तेरी... ओ तेरी...
बाहर वाला चाहे तो, तोड़ ना पाए इन्हें, दोस्त जो कहलाए, छोड़ ना पाये इन्हें,
कैसी भी हालत हो, एक दूसरे का साथ, ना कोई हो... मरमिटने एक साथ,
जिंदगी में यूंही साथ देना है स्वार्थ सब का,
कौन दोस्त, दुश्मन, कौन मित्र या शत्रु,
जिंदगी के हर कदम में मिले ये दोस्त, दोस्ती के नाम पर बने वो दोस्त,
ना - लायक, हे वो इस दोस्ती के नाम, पेचानना है हमें उन दोस्तों का नाम,
जो दोस्ती के नाम से दोस्त बने हैं, ना करना उससे दोस्ती का वादा,
सच्चे दोस्त कम ही मिले हैं, ज्यादा, मिले वो सच्चे दोस्त, ना मांगे कोई वादा ज्यादा,
हम ये जिंदगी में यूंही जीते हैं, हम ये जिंदगी में यूंही मरते हैं..।-
जीते हैं, मरते हैं (Part 1 of 2)
हम ये जिंदगी में यूंही जीते हैं, हम ये जिंदगी में यूंही मरते हैं,
हम चाह कर भी जी कर, मर नहीं सकते,
ना चाह कर भी मर कर, जी नहीं सकते,
दुआओं का सिलसिला, चला आ रहा है बरसों से,
यूही नहीं ख्वाब सा बरसों से,
चाहे स्वार्थ की ये दुनिया,
करके दुआ कोई, हमारे लिए बिना स्वार्थ,
ना मिले ऐसा कोई, जो स्वार्थ बिना जिए,
होते हैं वह दोस्त, जो हर दुख-सुख मैं साथ दें,
होते हैं वह साया से, हर कदम, हर पल, यूही साथ दें,
हम ये जिंदगी में यूंही जीते हैं, हम ये जिंदगी में यूंही मरते हैं,-
ख्वाहिश ना हो (Part 1 of 2)
तेरे कहने मैं कोई, ख्वाहिश ना हो,
दिल के दरबार में कोई, ख्वाहिश ना हो,
लफ्ज़ों से ना बोल पाए, ऐसी हालत ना हो,
इशारों ही इशारों में जलक दिखे, ऐसी हालत में हो..
तेरे नैनों में क्या दिखे, प्यार दिखे या दर्द,
समझ ना आए वह क्या कह कर चले गए,
बस दिल की येही ख्वाहिश है,
दिल के दरबार में कोई, ख्वाहिश ना हो.. जो भी हो,
हम हमेशा साए की तरह साथ ही रहे,
साथ रोए या साथ हंसे,
याद आए तो तू करले जमकर याद उसे,
क्या पता यह कमीनी किस्मत क्या धोखा दे दे उसे..
दिया तो है यह दिल रख भरोसा अपनी किस्मत पर,
पर ना दी कोई इश्क दी जिंदगी इशारों ही इशारों में,
जलक दिखे, ऐसी हालत ना हो,
लफ्जों से ना बोल पाए, ऐसी हालत ना हो,
दिल के दरबार में कोई, ख्वाहिश ना हो,
तेरे कहने में कोई, ख्वाहिश ना हो.।-
ख्वाहिश ना हो (Part 2 of 2)
तेरे कहने में, कोई ख्वाहिश ना हो,
जो इस दुनिया को मंजूर नहीं, ऐसी ख्वाहिश ना हो,
इश्क की खता उन तन्हाइयों में इस कदर घूमती रहे,
जिस कदर सूरज की रोशनी में, चांदनी झूमती रहे..
ये तनहाइयां इस कदर मिली हे,
जिस कदर समुंदर - सूरज से, सूर्यास्त के वक्त मिले,
ना जी पाए, तो आंखों से आशु बहे, ऐसी ख्वाहिश ना हो,
ये जिंदगी हम जी पाएंगे ऐसी ख्वाहिश हो,
इस दर्द में पानी बनकर आंखों से कीमती बूंद टपके,
जिसका मूल्य पैसों से ना हो, ऐसी ख्वाहिश हो..
किस दिन तेरी नजरों से दूर हो जाएंगे, ऐसे ख्वाहिश ना हो,
दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम ऐसी ख्वाहिश ना हो,
काश परवाह किसी ने की होती हमारी,
तो ये दुनिया हमसे रुसवा ना होती,
अगर आता आप जैसा मुस्कुराना हमें,
तो हमसे भी किसी ने मोहब्बत की होती..
इशारों ही इशारों में झलक दिखे, ऐसी हालत ना हो,
लफ्जों से ना बोल पाए, ऐसी हालत ना होती,
जो इस दुनिया को मंजूर नहीं, ऐसी ख्वाहिश ना होती,
तेरे कहने में, कोई ख्वाहिश ना होती,
दिल के दरबार में, कोई ख्वाहिश ना हो,
तेरे कहने में, कोई ख्वाहिश ना हो..।-
Tum Apne Darwaje Per Likh Kyu Nahi Dete,
Welcome to "Ye Tera Ghar, Ye Mera Ghar"-
Nazre na hoti
To nazara na hota,
Duniya mai hasino ka
Guzara na hota.
Humse ye mat kaho ki
DIL lagana chhod do,
Jakar khuda se kaho
Hasino ko banana chhod do.-
Har Pal Tumhari Yaad Satati Hai (Part 2)
Kabhi Khawabo Me Aake,
Ya Kabhi Yaado Me Aake,
Meri Nind Churake Le Jati Hai,
Jitna Miss Mai Karta Hu Aapko,
Kya Aap Muje Utna Miss Karte Hoge
Pyaar Har Kisi Ko Pagal Bana Deta Hai,
Pyaar Hota He Yesa
Jisme Kuch Dikhae Nahi Deta..!!
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Ishq kyu (Part 1/2)
Ishq kyu, kare ye dhoka
Do dilo mai, maile yu jhoka
Ishq kyu, kare ye dhoka
Do dilo mai, mile yu jhoka..
Jo dil mai, raheta hai koi shak, raaz ka
Aisa hota he kyu...
Kyu.. kyu.. kyu.. kyuuu...
Palke bhigati hai kyu,
Ek ek boond in ankho mai hai ye kyu,
Kya sikayat kareee,
Na mane ye kambaqt ishq,
Ishq kyu, kare ye dhoka
Do dilo mai, maile yu jhoka..
Aasman deku jab bhi aati hai teri yaad
Kya khwab dekhu khule aankhose
Ya sachi mai tu he hai, tu he..
Bas itna batade,
Tu dhadkan mai, saso mai
Tamana hai meri..
In taro ki jagmagahut, jab chapak chapak kar tarsaati hai dil ko
Aasman deku tab aati hai yaad
Kya khwab dekhu khule aankhose
Ya sachi mai tu he hai, tu he..-