अपनो की खबर लेते रहो,
क्या पता वो किस परिस्थिति से गुजर रहा हो।
हो सकता है उसकी कोई गलतियां होंगी,
भुलाकर उन गलितयों को उसे अपने होने का एहसास जताते रहो।
क्योंकि हर गलती करने वाले का हॄदय कठोर नही होता।
क्योंकि जीने का हक़ तो उस क़ातिल को भी होता है,
जो एक खून करके कबूल कर लेता है।
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