कहीं अखबार की तरह ना बन जाऊँ मैं,
ताकि मुझे समझकर अगले ही क्षण दिल से निकाल सके।-
पूरी हो हर ख्वाईश तुम्हारी
यही दुआ है रब से हमारी
आती है जो रोज तुम्हारे सपनो में,
रब करे बन जाये वो हक़ीक़त में तुम्हारी।
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कोइ दिल पे दस्तक दे रहा है,
हर बार खोला जाये जरूरी तो नहीं
कोइ अनसुनी बातें किये जा रहा है,
हर बात सुनी जाये.....जरूरी तो नहीं
जिंदगी जी रहे है, सब अपनी तरह,
तुम्हारी तरह जीया जाये जरूरी तो नहीं
हर मिलने वाला शख्स दोस्त बन रहा है
हर किसी को दोस्त बनाया जाये.. जरूरी तो नहीं-
शायद आप सिर्फ़ इन लकीरों से ही बात करना चाहते है
पर हम तो तुम्हारा हाथ थाम कर ही मरना चाहते है।-
तुम्हे सिर्फ वो चिट्ठियां लगती थी।
पर वो तुम्हे अपने दिल का हाल भेजती थी।
और वो नाराज़ ना आज है और न ही कल होती थी।-
इन अदाओं से भले ही तुम इश्क़ सीख जाओगे।
मिलता नही है इसमें कुछ भी।
एक दिन तुम यू ही बदनाम हो जाओगे।-
फरवरी तो हर दफा आती जाती है,
ये इश्क़ तो सिर्फ उनके लिए है,
जिन्होंने साथ मरने जीने की कसमें खाई है।-
इश्क़ हमसे है तभी तो
खूबसूरत वादियों से गुजर रहा है।
वरना आजकल हर आशिक़ इश्क करके
मुकर रहा है।-
आईने से रोज मिलते है हम इसीलिए उसको हसीन नज़र आते है हम।
सवाल तुम्हारी आँखों से है उन्हें क्या सभी या सिर्फ हम ही लाजवाब नज़र आते है।
आँखों का क्या है ये तो हर हसीन चेहरे पर अटकती है।
पुछो अपने दिल की धड़कन से ये किसे देखकर धड़कती है।-