तेरी मुस्कान,
तेरी खिलखिलाहट,
तेरी बेपरवाह हँसी ;
कसम से...
दुनिया में उससे खूबसूरत चीज़ ,...
कोई और नहीं।
- - - - #yoursAshish✍️😊💖-
याद है साले,
तू जब फैल होता था ,यूनिट टेस्ट में, ।।
तो कैसे हम ,रिपोर्ट कार्ड में ,..तेरे पापा के साइन घुमाते थे;
अबकी लाइफ ने पटका है तुझे किसी मोड़ पे
भेजा है फेलियर का रिपोर्ट कार्ड तो..।।
तो चल ना,
इस रिपोर्ट कार्ड को आज ही जलाते हैं।
तू ही तो कहता था ना , एक कागज का टुकड़ा मेरी किस्मत नहीं लिख सकता,
तू ही तो कहता था ना , एक कागज का टुकड़ा मेरी किस्मत नहीं लिख सकता;
तो चल ना ,
नए सिरे से अपनी किस्मत अब खुद बनाते हैं।
कोई नहीं है साथ तो क्या,
चल ना, हम दोनों ही अब अपनी महफ़िल जमाते हैं;
तू ताश के पत्ते ला ,मैं वो अपना पुराना ,
वीडियो गेम ही ले आता हूँ;ll
चल ना फिर एक दूसरे को हम ,
डब्ल्यु. डब्ल्यु. ई. या टेकन में हराते हैं।
वैसे ,एक दूसरे को अब हराना क्या,ll
चल न ,फिर वो कॉन्ट्रा खेलतें हैं साथ में ,टीम बनकर,
और डिफ्फिकलटिस के हर लेवल को,
साथ में ,फुल पावर से ,
पार कर के दिखाते हैं।
चल न भाई ,चल न,
सबको फिर से जीना सिखाते हैं
सबको फिर से जीना सिखाते हैं।-
बंद कर लो आँखें, ये राज़ खोलती हैं;
बिन कहे होठों से, सारे जज़्बात बोलती हैं।
- - - #yours_Ashish ✍️😊💖-
एक बार तुमने, मुझे कॉल किया था,
कुछ कहे नहीं ,बस टाल गये ;
कुछ कहना था क्या?
एक बार तुमने, मुझे मैसेज किया था,
कि फ्री रहोगे तो मेसेज करना बाद में
कुछ कहना था क्या?
एक बार तुमने, मुझसे मिलने की बात की थी
कहा था कि मिल के सुनाउंगा थोड़ा पर्सनल है
कुछ कहना था क्या?
बताओ ना,
सुनाओ ना,
क्या कुछ कहना था?
मैं सुनने को,
तुम्हें समझने को ,
तैयार हूँ;
बोलो ना, क्या कहना था...
मन में दबी कोई बात है या,
ख़्वाहिश है कोई छिपी हुई
बताओ ना, क्या कहना था...
कहीं कोई बचपन का किस्सा तो नहीं,
या कोई नया वाक्या हो जीवन का,
सुनाओ ना ,क्या कहना था...
कई दिनों से मुस्कुराते भी नहीं,
मिलने अब , आजकल आते ही नहीं,
चलो ना बता भी दो, क्या कहना था ।
======================-
Dissection में माहिर थी वो, मेरे दिल को चीर बैठी ;
सीने पर LoveBite के लिए भी SurfaceMarking कर बैठी।
--- #yours_Ashish ✍️❤️😉-
याद है,
पहले हम घण्टों-रातभर बातें किया करते थे,
तुम्हारा वो फेवरेट खेल हो या
तुम्हारी वो फेवरेट मूवी
दिनभर एन्जॉय किया करते थे;
चलो ना ,फिर वही करते हैं,
कुछ गलत हुआ हो ,तो सब सही करते हैं।
=========================
सच में यार ,
हमें हमेशा पास में रहना था,
कितने अच्छे दोस्त हुआ करते थे बचपन में,
चल न ,फिर उसी दौर में आ जा
मुझे फिर से तुझे ,'अबे साले कमीने कहीं के' कहना था...
अरे गुमसुम न रहो यार अब तो,
बोलो ना भाई ,मेरे दोस्त ;
क्या कहना था?
-----------------------------------
इतने दिनों से ,
जानता हूँ मैं तुम्हें
ना जानु पूरा,तो,
थोड़ा कुछ तो, समझता हूँ मैं तुम्हें;
किसी के लिये कुछ हो या ना हो,
मेरा तो तू हमेशा अपना है,
बोल ना भाई क्या है मन में तेरे,
क्या तुझे और कहना है।-
निश्चेतना विभाग चिकित्सक को समर्पित पंक्तियाँ :
-----------------------------------------------------
तुम सुला दो गहरी नींद में मां को,
जगाने गायनी वाले आ जायेंगे,
इंसिज़न लग जाये तो बुला लेना,
बच्चे को रुलाने, हम आ जाएंगे;
हरे गुब्बारे से खेलने वालों,
मरीज की धड़कन-सांसे सब तुम्हारे हाथ है,
इंजेक्शन-ड्रिप से खेलना कोई तुमसे सीखे भैया,
आपरेशन कोई भी करे ,पेशेंट की जान,बस तुम्हारे हाथ है।
मोनिटर और मोबाईल पर साथ-साथ नजर कैसे रख लेते हो,
और पेशेंट से इतनी प्यार से बातें कैसे कर लेते हो,
सबसे पहले आते हो ,पर बिन रिपोर्ट कुछ नहीं करते हो,
पर जो भी हो ,जैसे भी हो एनेस्थेसिया वालों, तुम सबके अपने-से लगते हो।
--- #yours_Ashish ✍️😎 #The_Paediatrician_Shayar ✍️💕
Dedicated to #Anaesthesiologist Doctor Friends😎🤘-
देख,
तु अकेले रहना चाहता है कुछ देर
तो रह;
पर ज्यादा नहीं तो ,कुछ मिनट ही सही
,मेरे साथ तो रह।
मुझे तो तेरे साथ ही रहना है
वैसे ही पहले की तरह
खुल के हँसी मज़ाक ,करना है।
चल ना बे ,
कहीं घूम के आते हैं,।।
वो पुराने अड्डे ,अपने टपरी पर ,
चल फिर वड़ापाव या समोसा खा के आते हैं;
कहीं नहीं तो न सही,
चल न तेरी वो,
स्कूल वाली क्रश की गली ,के चक्कर लगा आते हैं;
सुना है ,आज भी बेडमिंटन खेला करती है वो अपने आंगन में,
कुछ नहीं ,तो ना सही,
दूर से हाय हेलो ही करके आते हैं।
अबे ,क्या हुआ जो वो तेरी ना हुई,
अबे ,क्या हुआ जो वो तेरी ना हुई;
चल ना भाई कहीं चाय पी के आते हैं;
बहुत दिन हो गए चिकन-मटन दबाये,
चल ना वो जॉनी का हॉट डॉग ही खा के आते हैं।
-----------------------------------------
-
रखा क्या है WhatsApp dp में दोस्त,
वो तो हम gf या bf के रूठने पर भी बदल लेते हैं;
देश प्रेम तो सच्चा, दिल में बसे है न,
चलो न एक तिरंगा, अपने मन में उकेर लेते हैं।
हिंसा-दंगे अब और ना हो देश में,
जाति-मज़हब भूलकर,चलो न एक शपथ लेते हैं;
बेरोजगारी-महंगाई की मार,खत्म हो देश में,
सत्ता-विपक्ष भूलकर,एक बेहतर भविष्य, तय कर लेते हैं।
- - - #yours_Ashish ✍️🇮🇳😎-
तुम गयी, रायपुर उदास हो गया,
शामें हसीन थी पहले,.
अब देखो,..वो चाँद भी निराश हो गया।
वो मरीन ड्राइव का तरिया भी,अब सूखने लगा है,
वो लेमन टी वाला भी मुझे, ठलहा बैठे देख, घूरने लगा है।
वो आइसक्रीम भी सीताफल फ्लेवर वाली
जो तुम्हें बेहद पसंद थी,
अब फीकी सी लगने लगी है;
जब से तुम गयी हो न, छोड़ के रायपुर ,
लगता है, ये आइसक्रीम भी अब, जल्दी पिघलने लगी है।
--- ✍️ #yours_Ashish 😊❤️-