*योनि*
वह हैवान
योनि खोजता है
उम्र से परे जीव से परे
सिर्फ स्त्रियां ही नहीं
जानवरों में भी झांकता है
वह योनि
अंततः वो अस्तित्व हीन करता है
जर्रे जर्रे से कुचलता है
फिर आते हैं कुछ भेड़िए
अपने-अपने स्वार्थपरक
समीकरणों पर लार टपकाते
फिर उस लाश में
धर्म निकलता है
राजनीति निकलती है
दोषारोपण होते हैं
बस निदान लापता होता है
सरेरा कानून नाचता है
मनोरंजन से भरपूर
तमाशा का मंचन होता है
तब तक कहीं और
किसी कोने में
किसी गली में
इंसानों की बस्ती में
कोई चबा रहा होता है योनी
और फिर लार टपकनी शुरू होती है
अनवरत चलता है
यह सिलसिला
बस निदान लापता होता है. - प्रज्ञा पांडेय. 🌺
(यह कविता हाथरस बलात्कार और हत्याकांड के समय लिखी थी)-
Dear patriarchy आप अपनी इज्जत की पोटली अपनी सड़ी हुई मानसिकता के स्थान पर रखे ।
....क्यूंकि जब भी आप किसी रेप पीड़िता के लिए ये कहते है की उसकी इज्जत चली गई ....
तो ठीक उसी वक्त आपकी ये सड़ी मानसिकता वाली इज्जत जमीन चाट रही होती है ।
"*हमारी योनि हमारे शरीर का एक अंग है
आपकी इज्जत संभालने वाली तिजोरी नही।*"-
Glistening in the moonlight
inviting your lips
To calm the hunger and storm
Kiss, drift and sink into her divinity ; the yoni
As the moon witnesses your
Plunge into her high seas.
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सजाया था जैसे एक रोज, रोज़ मेरी योनि पर,
वो रोज वैसे ही अब मैं, रोज सजाकर रखती हूँ।
डाला था जैसे पहली बार, उठाकर दोनों पैरों को,
याद में वैसे ही खुद से, 2 ऊंगली डालकर रखती हूँ।
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A woman's yoni like a flower fosters
life, holistic wellbeing and growth.-
मेरा मन हृदय समर्पित
तुम काया से आगे ना बढ़े
था गर्भ गृह का आमंत्रण
तुम बस द्वार पर रहे खड़े
पलकों पर स्नेह की बूंदे
जो नैनों से बरसाती थी
तेरी आंखों की मादकता
से मिलने को कतराती थी
मैं मन में प्रेम अपार लिए
साक्षात स्वर्ग का द्वार लिए
नवयोवन के सावन से
सज्जित रूप श्रृंगार लिए
इच्छाएं स्वच्छंद लिए
तुमने थे दृग बंद किए
और छाया से आगे ना बढ़े
तुम काया से आगे बढ़े
तुम माया से आगे बढ़े-
Ode to the iYoni 🌷
You are slender in shape
And tender to touch
Your lips remain closed
Like a new bud 🌷🌱-
ख़याल रखो तुम अपने उस सूक्ष्म छिद्र का
खातिर जिसके मेरा खून बहाया था तुमने।
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Bleed with pride.
Nither she is an emblem of impurity,
Nor she is untouchable while her vagina bleeds.
For it's nature's rule;
Your existence too depend on her bleeding.
Menstruation - a process still incomprehensible to them.
For their ignorant minds find hard to accept ,
That refusing her from entering into the temple,
Won't do any common good.
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