बदन टूट रहा है और मौत दिख रही है,
आंखों में सपनों के साथ नींद पिस रही है,
खुद से करते हैं रोज खुद के कत्ल का सौदा
मुठ्ठी में से स्वासों की ये पूंजी रिस रही है,
लेकर ख्वाहिशें बच्चों की मैं घर से दूर निकल आया,
बड़े ही सस्ते दामों पे मेरी हर सांस बिक रही है
जिम्मेदारियां हैं बहुत अभी है दूर तक चलना
रोज जिंदगी नया कोई अध्याय लिख रही है-
30 JAN AT 20:19
4 AUG 2020 AT 23:32
रातें गुजर रही लेपटॉप तुझमें खोए
ए काम.. या खतम हो या तू ही बता
सपनों में उनसे मिले कैसे बिना सोए
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18 FEB 2018 AT 20:45
मेरी आखों को देख कर, मेरा हाल जान लेती हो
कितनी रातों से नहीं सोयी हूँ , ये कैसे पहचान लेती हो..
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27 JUN 2020 AT 16:46
थकना ज़रूरी है चैन की नींद सोने के लिए,
जो थकता नहीं वो चैन से सोता भी नहीं...।-
17 FEB 2021 AT 14:03
अरे ज़नाब मेरे हालातों ने चेहरे की चमक छीन ली है,
वरना दो चार बरस में कोई बुढ़ापा थोड़ी ना आता है...-
15 JUN 2019 AT 11:52
Workload leads to anxiety.
Always schedule your work on a small diary 📒 and work on it.-
23 AUG 2017 AT 22:29
मैं जानता हूं कि तुम्हें जरूर होगी शिकायत मुझसे
मेरे हर रोज़ ना लिखने से,
कई दिनों से सूकून से सोया मैं भी नहीं ।।-