मंजिल का दरवाजा, लगा है जिस पर ताला
मेहनत की चाबी से ,खुलेगा एक दिन साला!-
मंजिल मिल जाने पर, लोग चाहेंगे कि हो आपका काम काला...
अपनी इज्जत कम मत होने देना, चाहे सामने आए कैसा भी नाला...
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बेबस हूँ मैं "हिमांश", मग़र हौसलों में अभी उड़ान बाकी है
हारा हूँ ख़ुद से ही, अभी जीतने को तो अभी सारा जहां बाकी है
जिन्होंने तपाया है ख़ुद को ज़िन्दगी की हर एक तपिश में,
उनके लिए तो ज़िन्दगी की अभी हर एक शान बाकी है॥
"सब्र एक बाँध"-
"हिमांश" हौसलें के तरकश में, कोशिश का वो एक तीर ज़िन्दा रख
हार जा चाहें सब कुछ ज़िन्दगी में, फिर भी बस जीतने की एक उम्मीद ज़िन्दा रख॥-
कुछ अँधेरा इसलिए भी रहा कि हौसलें कम न होने दिए,
डराती रहीं रातें, मग़र हमने भी सवेरे कम न होने दिए॥-
"हिमांश" कोई न समझ सका हमें यहाँ, इसलिए खुद को समझाने चले
सुनो ए किताबों, हम तुम्हारे साथ एक दुनियाँ नई बसाने चले॥-
Be not afraid of growing slowly, Be afraid of standing still.
(धीरे-धीरे बढ़ने से डरें नहीं, स्थिर रहें)
~Unknown-
सब्र-ए-ज़िन्दगी एहसास क्या है,
यहाँ जिया बस वही है जिसको जग ने हताश किया है
"हिमांश" कहते हैं यहाँ शीशे की तरह टूट न जाना,
यहाँ जीता बस वही है जिसने ख़ुद को हर बार तलाश किया है॥
सब्र-ए-ज़िन्दगी एहसास क्या है..!!!-
Live without Life,
Life without Present
Living without Experience,
Experience without Changes
Changes without Acceptance,
Acceptance without Thinking
Thinking without Resistance,
Resistance without Movement
"Possible???"-
सपना है वर्दी पे सितारे... और ख्वाइश है वो सम्मान...
पूरी है कोशिशें... बस अभी अधूरी है पहचान...-