अगर पूछोगे आज़ादी क्या होती है,
तोह मैं खुला आसमान लिखूंगी,
बात उठी अगर मोहब्बत की तोह,
अपना वतन "हिन्दुस्तान" लिखूंगी,
भारत की मिट्टी से जन्मी हूं, और
एक दिन इसी मिट्टी में मिल जाऊंगी,
जितनी भी बुलंदियां दर्ज करेगी
ये शख्सियत मेरी, वो सारी खुशियां
सिर्फ़ और सिर्फ़ तिरंगे के नाम लिखूंगी।
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