Ye jo aaj fir saya kiya hai baadlo ne meri chtt per, Irade kuch jazbati lgte hai.. Barsne ki chaah toh hai, Magr shyd thodi der rukna Lazmi smjhte hai....! 🌸
"जब तुम मंदिरो में भगवान ढूँढते हो कोई तुझमे भगवान ढूँढता है मन्नतों का बोझ लिए जिन सिढ़ीयों पर रोज़ चढ़ते हो उन सिढ़ीयों के नीचे कोई सपना हर रोज़ मरता है हर सड़क के कोने पर बैठी उन नज़रो में देखना क्यूँकी उस मूर्ती के अन्दर बैठा हर बार बस तुम्हे देखता है जिन पत्थर के हाँथों के आगे दुआएं मांगते हो उन दुआओं का सज़दा ऊजड़ी लकीरों के नीचे मिलता है"
"यूँ तो हर साँझ मुझे मेरे घर की याद आती हैं यूँ तो हर सुबह वो गलियां मुझे बुलाती है पर ये कम्बखत घर ही तो वो वजह है हर सुबह जिसे बनाने और साँझ बचाने में निकल जाती है |"