~ Blindly folded Heart ~
ll खुली किताब है ये ज़ीस्त मेरी... पर आज तलक़ कोई भी इसे
अपने दिल की नजरों से पढ़ नहीं पाया है...
सरफ़िरा कहता है...
हर तरह की शख़्सियत को
बखूबी तौर पर फुरसत से पढ़ चुका हूँ अपनी इस छोटी सी ज़ीस्त में,
पर मज़ाल है भला किसी भी शख़्सियत की यहाँ...
जहाँ अभी तलक़ मुझे कोई भी ठीक से समझ पाया है ll
~सरफ़िरा इश्क़बाज़~
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13 OCT 2020 AT 14:53