बेबी को बेस पसन्द हैं,
सलमान को केस पसन्द हैं,
राहुल को विदेश पसन्द हैं,
और मुझे मेरा देश पसंद हैं।
Happy Independence Day-
🇮🇳तिरंगे का जुनून रूह में इस कदर बस गया🇮🇳
🇮🇳जहाँ भी देखा सैल्यूट के लिए हाथ खुद ही उठ गया🇮🇳-
हिस्सा नहीं बनना है मुझे इन गद्दारों की कहानी का,
रूह रहकर भी क्या करेगी जब तक खून ना उबले जवानी का।
रूह तड़पती होगी उन वीर भक्त अभिमानी का
जो लिए तिरंगा डटे रहे इस देश के स्वाभिमानी का।
-rajdhar dubey-
अगर तुम ना होते अन्नदाता के वेश मे
दिल्ली पुलिस तुम्हें सिखा देती
कैसे रहा जाता है देश मे ..।-
ये मान है उस तिरंगे का,
जिसे ज़माना.. मुक़ाम-ए-सलाम अदा कर रहा है।
जहा जश्न-ए-आज़ादी के साथ, कहानी गूंज रही है बलिदानों कि,
जो हर हिंदुस्तानी अाज फक्र से सुना रहा है ।।-
थोड़ी सी ठोकर से तू यू जो चीखता हैं
एक शहीद के लहू का हर एक कतरा इंक़लाब कहता हैं
तुझे दिखती होगी जन्नत किसी के आँखों में
उसे तो अपना वतन ही जन्नत लगता हैं
लाल गुलाब देकर किसीको जो तू इज़हार ए इश्क़ करता हैं
उसकी खाकी पे लाल लहू मोहब्बत का प्रमाण हैं
तू चार दिवार के अंदर जो मख़मल में सुकून से सोया हैं
उसके लिए सरहद उसका घर और रेगिस्तान उसका बिस्तर हैं
किसी की दो पल की दूरी बर्दाश्त नहीं तुझे
दुरी का मतलब सरहद पर तैनात जवान की पत्नी से पूछा हैं
घर की महज रौशनी जाने पर तू जो चिल्ला उठा हैं
उस माँ के बारे में सोच जिसने अपना चिराग खोया हैं
जहाँ तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं,
कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं.
ख्वाहिशे तेरी जो बेहिसाब, मरने से जो तू डरता हैं
एक शहीद है जो अंत सफ़र में बस कफ़न में तिरंगा मांगता हैं-
बात कुछ भी नही और बात को बढ़ा के बवाल कर दिया
आज फिर मजहबी ठेकेदारों ने धरती को लाल कर दिया
घुट घुट के रहना पड़ेगा अब फिर डर के साये में
सब मुश्किल में हैं सब का जीना मुहाल कर दिया
क्या जात है क्या धर्म है यहाँ साबित करो देशभक्ति को
अब हर गुजरने वाले से बस यही एक सवाल कर दिया
कहीं प्रदर्शन कहीं आग कहीं है पत्थरों की बौछार
जरा देखो इन्होंने हर रास्ते का बुरा हाल कर दिया
कोई हरा ढूंढ़ रहा कोई भगवे की तलाश में भटक रहा
वो हाथों में तिरंगा ले आया बस उसने कमाल कर दिया-
"TRICOLOUR IS ABOVE EVERYTHING"
ना दो वक्त की पूजा दशा मेरी,
ना पांच वक्त के सजदे अदा मेरी,
कुछ यूं लहराती एक गज खादी है बनी
हर सुकून, हर जुनून कि वजह मेरी!!!!
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" सर झुके बस उस शहादत में ,
जो 'शहीद' हुए है हमारी हिफाज़त में ..! "
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शहीदों का कफन हूं,
शहादत -ए -वतन हूं,
तीन रंगों में रंगा अमन हूं,
शहादत की आग में जला हूं,
आजादी के असफ़ार में बड़ी दूर तलक चला हूं,
अस्तित्व हूं आजा़दी का,
हूं प्रतीक स्वतंत्र आबादी का ,
ना जाने कितने इतिहास समेटे बैठा हूं ,
मेरे अफसानो को गौर से पढ़ो ,
में स्वतंत्र भारत में गर्व से खड़ा तिरंगा हूं,-