रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए रिश्तों से दूर रहना पड़ता है,
प्यार की अहमियत समझने के लिए उसमें कड़वाहट लानी पड़ती है,
अगर सब कुछ हो जाए तो जिंदगी का क्या मतलब होगा,
अगर कोई खिलाफ नहीं होगा, तो संघर्ष करने में कहाँ मज़ा आएगा, ज्ञान की सीमा हो तो ज्ञान का अर्थ कैसे समझेगा?
यदि कृष्ण ने प्रेम का बलिदान न दिया होता तो प्रेम अमर कैसे हो जाता,
यदि भविष्यवाणी न की होती तो कंस का भय कैसे समझा जाता,
यदि उसने माता-पिता को नहीं छोड़ा होता, तो महाभारत की रचना कैसे होती, अगर उसने माँ से वादा न किया होता तो 100 कटु वचनों को सहने का धैर्य कहाँ से पाता.....
और 100 शब्दो को कायरता समजणे की भूल कैसे समजती.....
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