अब अगर मौत आ जाए भी तो नहीं कोई गम मुझे।
हो चुका है पेश मेरा ,....... सलाम ताजुल औलिया ।
किजिए हर आशिक़ को नसीब दीदार ताजुल औलिया ।
अब अगर तशरीफ़ लाओ तो थाम लुंगा देर तलक ।
करना चाहता हूं मैं आपसे ,... कलाम ताजुल औलिया
किजिए हर आशिक़ को नसीब दीदार ताजुल औलिया ।
अपनी मिसाल चिड़िया रखे, नमाज को दे खास मकाम ।
कितना प्यारा है ये देखो,.... फ़रमान ताजुल औलिया ।
किजिए हर आशिक़ को नसीब दीदार ताजुल औलिया ।
हश्र में मै मचल-मचल कर घुमता फिरूंगा इधर-उधर ।
अगर से मुझको पुकारे कुदसी, "ऐ गुलामे ताजुल औलिया" ।
किजिए हर आशिक़ को नसीब दीदार ताजुल औलिया ।
आप तो बैठे बैठे ही कर आते हो क़ाबे का तवाफ ।
है मेरा भी आखरी यह,... अरमान ताजुल औलिया ।
किजिए हर आशिक़ को नसीब दीदार ताजुल औलिया ।-
मां की दुवाए साथ लिए चलता हुं,
ताज के शहर में नवाब बन के फिरता हुं !-
माना कि दरबार बंद है , तुम्हारा ...
है खुला, दफ्तरे-दुआ ता-कयामत तुम्हारा ।-
हे मेरे ताज वाले तेरी चरण में मुझे बुला रे
हे मेरे ताज वाले तेरा नाम मे जपू रे।
हे मेरे ताज मेरी एक ही बिनती है
कि तू मुझे अपने पास रख
मेरा तन मन धन सब तेरे नाम रे।-
आसमानो पर लिखेंगे समुंदर की स्याही से
मालिक तेरा शुक्र है दिया हलाल कमाई से
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या हो हिन्दू-मुस्लिम या सिख-ईसाई , हर कोई फ़ैज़ पा रहे है ।
मेरे ताजुद्दीन तो है चराग-उद्दीन , हर तरफ रौशनी फैला रहे है ।-
देने वाला तो अल्लाह है ,الحمدللٰہ
दिलाने वाले तुम हो बाबा ...
मै फसा था फिर्को की कश-म-कश में ,
सुन्नियत से मिलाने वाले तुम हों बाबा ...-
सुना हूं जब से बुरे बुरे सब ताजुलवरा के है ।
कोई अच्छा कहे मुझको अच्छा लगता नहीं ।-
ज़माने भर के तानों से प्यारी भीक तुम्हारे दर की
तक़दीर बनाने को है काफ़ी इशारा ताज वाले का
तुम्हारे नाम लेवा है हम तुम्हारे टुकड़ों पे पलते है
भला क्या छीन सके कोई जो अता ताज वाले का-
आपकी चमक से रौशन है हिंदुस्तान सारा ..
आपके ही टुकड़ों पर चलता है काम हमारा ।
और हमें गुलामी पर नाज़ क्यू ना हो भला।
शहंशाह ए हफ्ते अकलीम है नाम तुम्हारा ।-