QUOTES ON #SURENDRA4004

#surendra4004 quotes

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8 AUG 2021 AT 15:52

तू है राणा का वंशज
भाला फेंक साबित कर दिया,
जापान की धरती पर
झंडा भारत का लहरा दिया,
देकर गोल्ड देश को
48 पर पहुंचा दिया,
फेंक भला 87.58 मीटर का
बोल्ट का 9.58 भुला दिया।।

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24 JUL 2021 AT 15:11

कल देखा मैंने वो मंजर;
जब रास्ते से गुजर रहा था।
कोई खरीद के खुश हो रहा था,
तो कोई बेच के खुश हो रहा था।
वो, खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था।
असल में वो खिलौने नही अपना बचपन बेच रहा था,
गरीब का बच्चा था; दर्द के साथ खेल खेल रहा था।

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15 AUG 2021 AT 9:42

हम चैन से सो सके, इसलिए ही वे सो गए;
देश आजाद हो सके, इसलिए वो शहीद हो गए।

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5 SEP 2021 AT 13:41

Part1
जब बच्चे होंते हैं सब बैठे
तब खड़ा होकर पढ़ाता हूं
श्यामपट्ट पर श्वेत शिला से
कभी लिखकर पाठ पढ़ाता हूं
बच्चों को जल्दी याद हो जाएं
इसलिए कविता गाकर सुनाता हूं
यूं ही नहीं मैं टीचर बन जाता हूं।
बच्चे स्कूल गर देर से आवैं
तो उनकी डांट लगाता हूं
इसलिए स्वयं समय पर पहुंचने
की पूरी कोशिश करता हूं
चाहे आए आंधी बारिश
या देर से खुले आंख
यदि न हो नाश्ता तैयार
तो भी समय पर पहुंचता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
जब आता है तेज़ बुखार
या आए सर्दी जुकाम
तब भी पढ़ाने आता हूं
जब होता है सर दर्द बहुत
आज नहीं पढ़ाऊंगा कहते कहते
पूरी अवधि पढ़ाता हूं
यूं हीं नहीं मैं टीचर बन जाता हूं।

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22 AUG 2021 AT 17:13

प्यार करती है बहुत पर जताती नहीं,
मुझे चाहती है बहुत पर बताती नहीं,
मेरे लिए तो वो अपनी जान भी देदे,
लेकिन एक गिलास पानी वो देती नहीं,
रिमोट के लिए वो मुझसे रोज़ झगड़ा करती,
रोटी खा ले कुत्ते कहकर बुलाती,
दोस्तों के बीच मुझे बंदर बुलाती,
लेकिन जब रूठ जाता हूं तो मुझे वो मनाती।






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10 SEP 2021 AT 13:28

गजवक्र गजानन गजकर्ण गौरीसुतं
भालचन्द्र धूम्रवर्ण लम्बकर्ण लंबोदर
वक्रतुंड बुद्धिनाथ महाबल महेश्वरम्
अवनीश अमित शुभम सुरेश्वरम्।

देवव्रत देवादेव गणाध्यक्ष गदाधर
कपिलं कपिशं कीर्ति कृपाकर
मृत्युंजय मनोमय मुक्तिदाई मूढ़ाकर
मंगलमूर्ति मूषकवाहन महोदर यशस्कर।

विघ्नहर विघ्नविनाशन विघ्नराजेंद्र विघ्नराज
विकट विनायक विश्वमुख विश्वराज
अनंतचिदरुपम अविघ्न भीम बुद्धिप्रिय
पीताम्बर प्रमोदं रक्तं रुद्रप्रिय।

एकाक्षर एकदन्त गजवक्त्र निदीश्वरम्
अलम्प्ता अखूरथ हेरम्ब प्रथमेश्वरम्
क्षिप्रा क्षेमंकरी भूपति भुवनपति
उमापुत्रम् उद्दंड शूपकर्ण गणपति।

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17 AUG 2021 AT 23:41

उठती है जल्दी, करती है योगा भी,
पढ़ती है कविता और ड्राइंग कभी कभी,
उम्र में छोटी, अकल में है बड़ी,
करती है वो बहुत लिखा पढ़ी
आज का काम वो कल पे न टालती,
सदा ही बड़ों का कहना है मानती,
कभी कभी करती है मस्ती,
कभी बहुत रहती है बिजी,
पर है वो पापा की परी,|2|
अपनी बात मनवाने के लिए
जो मुझसे है हमेशा लड़ी,
मम्मी की डांट से बचाने के लिए
भाई के साथ हमेशा खड़ी
नहीं है उसके जैसा कोई,
वो है मेरी प्यारी भतीजी,|2|
नाम है उसका सृष्टि,
इस जन्मदिन पर
मिले तुम्हें ढेर सारी खुशी,
हैपी बरडे मेरी भतीजी,
हैपी बरडे सृष्टि।



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31 AUG 2021 AT 23:19

धरती है ये राणा की
भालाधर महाराणा की
तूने ये साबित कर दिया,
जापान की धरती पर
झंडा भारत का लहरा दिया,
देकर गोल्ड देश को
बुलंदी पर पहुंचा दिया,
फेंक भाला उम्मीदों का
तमगा सोने का दिला दिया।।

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22 SEP 2021 AT 8:20

मेरी सांसों में है तू, या दिल की धड़कन में तू
जिंदगी कहां है तू
गांव की मिट्टी में है तू, या शहर के महलों में तू
ज़िन्दगी कहां है तू
मां के आंचल में है तू, या पिता के त्यागों में तू
ज़िन्दगी कहां है तू
बहन की राखी में है तू, या भाई के प्रेम में तू
ज़िन्दगी कहां है तू
सनम की बाहों में है तू, या दोस्तों की महफ़िल में तू
ज़िन्दगी कहां है तू
साथ बिताए क्षणों में है तू, या किसी की यादों में तू
ज़िन्दगी कहां है तू
मरने से पहले है तू, या मरने के बाद तू
ज़िन्दगी कहां है तू
इसी धरा पर है तू, या प्रभु के धाम तू
ज़िन्दगी कहां है तू

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5 SEP 2021 AT 13:29

Part 2 आज के फैशन के दौर में
मैं साधारण कपड़े पहनता हूं।
बच्चे सादगी को समझें
इसलिए सदा जीवन जीता हूं
बच्चे को समझ में आ जाए
इसलिए मजाक भी बनवाता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
कुछ गलत दिशा पर भटक चले
बच्चे सादगी का मजाक बनाते हैं
तो क्या हुआ जब उनके साथी
अपने शिक्षक का सम्मान करते हैं
अपने शिक्षक से पढ़ना चाहते हैं
बस यही सोचकर मैं पढ़ाता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।
हां गलत दिशा में भटके हुए
बच्चों की डांट लगाता हूं
अगर शैतानी ज्यादा करें तो
पिटाई भी कर देता हूं
ऐसा उनके भले के लिए ही करता हूं
लेकिन बाद में बहुत पछताता हूं
गर कट जाता स्कूल से नाम
प्रधान के पास मैं ही जाता हूं
नाम न काटने की विनती करता हूं
यूं ही नहीं मैं शिक्षक बन जाता हूं।


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