बाज की तरह उड़ना है तो
तितलियों के लिए रोना छोड़ दो..!-
7 FEB AT 10:04
ये किताब के पन्ने गवाह हैं,
कि तेरा दिया हुआ गुलाब आज भी वैसे ही महक रहा है,
जैसे उस दिन तेरे हाथों की गर्माहट में महका था
वक़्त बदल गया, मौसम बदल गए,
पर इस गुलाब की तरह,
तेरी यादें अब भी मेरी ज़िन्दगी में महफूज़ हैं.
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