बिन स्याही के बिना
सुख सी गई हैं मेरी
कलम और ख़ामोश
पन्नों की तड़प बढ़ती
ही जा रही हैं चंद
अल्फाजों के बिन...
♥️🖤♥️-
सिमट के जो
बिखर रही वो खूबसूरत यादें उनकी .
जैसे मेरी इन किताबों के पन्नी मे सूखे
गुलाब के फूल सिंमटे हुए .
'बारिश' की हवाएं ,
जब मेरे इन पन्नो को उड़ा देती हैं,
तो यादों की 'खुशबू' बिखर जाती है हर ओर .-
ऐ भगवान मेरे यार का दामन खुशियों से सझा दे,
उसके जन्मदिन पर उसी की कोई रजा दें,
दर पर तेरेआऊँगी हर साल,
सिर्फ इतना कर कि,
उसको गिले की ना कोई वज़ह दें…
Happiest Birthday to u my dear bestiii (sapna)🎂🎀🎁-
sukhe patto ki tarha bikhre h hum to......
kisi ne sameta bhi to sirf jalane ke liye...!!!
Dhoke baaz ishQ-
पत्ते हरे हों या फिर सूखे हुए हों,
उनकी खुबसूरती शाख तक ही होती है.....-
अजीब शर्त रख दी उन्होंने हमसे मिलने की...
सूखे पत्तों पर चल कर आना और आवाज़ भी न हो.-
Ese tah mere teh mardi h
Kudiya chali (40)
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Oh kajal ali !
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सुखे शाखों पर भी एक दिन पत्ते लहराएंगें ,
एतबार है हमें एक दिन तुम जरूर लौट आओगे,
कभी किसी मोड़ पे चलते-चलते गर तुम थक जाओ,
ज़िंदगी की आज़माइशों को गर तुम सह ना पाओ,
वापस लौट आना तुम, आज भी उसी जगह मुझे पाओगे,
बहार जब रुख़सत होने लगे,
मौसम-ए-खिज़ां जब दिल के आँगन में उतरने लगे,
अपने हिस्से की खिज़ां मुझे देकर मेरे हिस्से बहार लेने आ जाना,
ज़िंदगी के आखिर लम्हों तक अपने साथ मुझे पाओगे!!-