हम किसान है देश की शान हैं l
धूप छाव बारिश में भी करते ना विश्राम हैं ll
कड़ी धूप की परवाह नहीं हमें,फसलें हमारी जान हैं l
लोगों के पेट भरने में जिसे दो वक्त की रोटी नहीं मिलती हम वह लाचार हैं ll
हाँ, हम किसान हैं ll
हम किसान है देश के अभिमान है l
हर समय बदलती परिस्थिति से हैरान हैं ll
कभी-कभी तो लगता है हो रहे हम नाकाम हैं l
लगता है जीवन की कष्ट ही हमारे इनाम हैं ll
हाँ, हम किसान हैं ll
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