क़ल्ब-ए-आशिक़ तबस्सुम पर क़ुर्बान हो गया,
दीदार कर तीखी हँसी का बेज़ुबान हो गया।
इश्रत- ए - मोहब्बत में दीवाना क़ैद होता गया,
वो उसका होता गया अपना होश खोता गया।
ज़िया ए इश्क़ ज़हन में इस क़दर छाने लगी,
जहाँ है ही नहीं वो वहाँ भी नज़र आने लगी।-
"अजनबी"
कौन हो तुम
बताओ ना मुझे
क्यूँ सताते हो मुझे
ओ मेरे अजनबी....
💞
जबसे तुम्हें देखा है ख़्वाब में
समझो पूरी जन्नत मेरी
आंखों में सिमट आई है
कौन हो तुम बताओ ना मुझे
क्यूँ सताते हो मुझे
ओ मेरे अजनबी....
(Read more caption 👇)-
तू ज़िंदा है, ज़िंदादिल क्यों नहीं ?
समानता का भाव
Read more caption 👇-
ज़िन्दगी अच्छी बुरी सोंच का फ़र्क़ है,
एक कदम पर फ़र्श़ दूजे पर ही अर्श़ है।
बढ़ाओ कदम ख़ुदा साथ ज़रूर देगा,
बस तेरा थोड़ा इम्तिहान ज़रूर लेगा।
मारो निशाने पर लगा तो जीत मिलेगी,
और नहीं लगा तो कुछ सीख मिलेगी।
जीवन ख़ुदा ने सबको समान दिया है,
लक्ष्य दिया तो तीर कमान भी दिया है।-
आप सबका कैसे शुक्रिया करूं अदा,
कोई अल्फ़ाज़ ही नहीं मिलते।
मेरी ज़िन्दगी इतनी ख़ूबसूरत ना होती,
गर आप जैसे पागल यार ना मिलते।
बहुत ख़ुशनसीब हूंँ मैं क्योंकि,
बना दिया मेरा दिन ख़ुशनुमा आप सबने।
ख़ुदा से गुज़ारिश है बस इतनी सी,
ऐसा प्यार बरसाए रखना मुझ पर।
हाँ हूंँ मैं थोड़ी सी पागल - दीवानी,
शरारत की दुकान, नादान और भोली।
खिलखिलाती हंँसी की वजह आप हैं,
मेरी ब्यूटी का राज़ भी आप सब है।
फ़िर भी आप सबने मुझे दिया,
इतना सारा प्यार इतनी मोहब्बत।-
फलक से वो ख़ुदा देखे बक्शीश दे तुमको,
धरा से अर्श़ तक सुर नर आशीष दे तुमको।
नया मोड़ आया है ज़रा थम के देखो तुम,
भूल कर ग़म सारे खुशियांँ समेटो तो तुम।
मोहब्बत भी मिलेगी शोहरत भी मिलेगी,
उठाकर नजरें ज़रा सी उसको देखो तुम।
वक्त प्यारा है घोड़ी झट से चढ़ जाना तुम,
जो देखती राहें तेरी घर ले कर आना तुम।
ज़माने की बुरी नज़र तुझे छू नहीं सकती,
तेरी नज़रें रहें ऊंची ये शुभाशीष दें तुमको।-
मैंने उसे पुकारा बड़े प्यार से,
उसने कर दिया अनदेखा मेरे प्यार को।
माना कि मुझसे हुई है एक ग़लती,
पर ऐसी सज़ा क्यूँ दे दी इतनी जल्दी।
पता था उसे कि जब बात नहीं होती हमारी,
तब कैसे दर्द अश्क बनकर आ जाते है।
मुस्कुरा देते है हम अपनी झूठी-सी हँसी से,
फ़िर भी चले गए मुझे अकेले छोड़कर।-
देख ना ले तुम्हें इन आँखों में आपको कोई,
इसलिए पलकों को भी झुका कर रखती हूँ...
🥰❤️🥰-