बदलना नहीं खुद को...
तू ऐसे ही पसंद है मुझे!
यूं ही बात करना...
बस इतना ही कहूंगी तुझे!
-
हम पढ़ते आपकी शायरी बार बार है।
हमें आपकी शायरी से बहुत प्यार है।
पूछता है कोई...!!
बताओ अपने प्रेरक कवि का नाम..??
हम बताते आपका नाम "गुलज़ार" है।
-
कि सबका साथ दे कर,
खुश रखूं मैं अपनो को।
मेरे अपनों ने मेरे ही फ़िक्र में,
मेरा साथ छोड़ दिया।
-
वो सुबह नहीं रात थी....
कुछ इस तरह मायुस हुई थी मै....
जैसे गंभीर सी कोई बात थी....
बहुत सोचा,बहुत रोयी,बहुत उदास हुई थी मै..!!
फिर सुबह उठ कर देखा....
तो पता चला....वो हकीकत नहीं,
मेरे सपने की बात थी।-
अकेले राहों पर चलते चलते थक ना जाना।
बात दिल में हो कोई तो उसे दिल से ना लगाना।
अपने तो बहुत मिलेंगे दुनिया में, हद से ज्यादा किसी से जुड़ ना जाना।
ये ज़िन्दगी जितना हसाएगी तुम्हें, उतना रुला भी देगी,
और जितना तड़पाएगी तुम्हें, उतना सीखा भी देगी, बातें ये कभी भूल ना जाना।
जो होगा, जैसा होगा, पहले लगेगा बूरा शायद, पर ज़िन्दगी को कभी दोषी ना ठहराना।
हर छोटी बात पर तुम बार बार ना घबराना।
हर मुमकिन घड़ी में तुम खुश रह कर दिखाना।
ये ज़िन्दगी खूब नचाएगी तुम्हें, तुम इस सफर में बस आगे बढ़ते जाना।
और इन बातों को मेरी तुम दिमाग में भी बैठाना।
और एक और बात पर अपना ध्यान लगाना :-
हर पल तू जीवन से सीख,
जीवन का अफ़साना लिख।-
कोई बहुत खास हैं।
जो मेरे दिल के हमेशा पास हैं।
वो एक सच्चे प्यार का एहसास हैं।
मेरी मां ही मेरे दिल का आभास है।
-
उस शक्स के लिए क्या लिखूं जिसने अपने बच्चों की खुशी के लिए पूरी ज़िन्दगी लगा दी।
और पूछे कोई वजह तो उसे अपनी ही खुशी बता दी।-