दुनिया बेहाल हुई
कोरोना की मार से,
कौए भी वंचित हुए
श्राद्ध की खीर से-
माँ तू क्यों हर दुःख को सहकर भी चुप रहती है
तू क्यों मेरी एक आवाज पर दौड़ी चली आती है
अगर चोट मुझे लगती है तो तू क्यों रोती है
क्यों तू अपने हर आंसुओं को पीकर ,अपने परिवार को हंसाती है
खुद भूखे पेट सो मुझे खिलाती है
मेरी हर गलती को दुनिया से छुपाकर ,अकेले मैं मुझे समझाती है
क्यों तुझे मेरी हर कड़वी बात भी प्यारी लगने लगती है
कुछ किये बगैर मुझे अपना राजा बेटा कहकर पुकारती है
बिना कुछ शिकायत किये हर वक़्त, सबकी इच्छाएं पूरी करती है
अपने तबियत की चिंता न कर, दूसरों की फ़िक्र करती है
दूसरों को चैन की नींद सुलाकर क्यों तू खुद रात भर जागती है
इन सारे प्रश्नों का उत्तर एक ही है शायद
क्यूंकि माँ तो माँ ही होती है |-
अगर प्यार को इजहार करने की हिम्मत है
तो इंकार सुनने की भी हिम्मत रखा कीजिये |
यूँ चेहरे पर तेजाब डालकर,
किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद न कीजिए |-
She dedicated her poetries to him
and he shared those to someone else.-
आज तो वो भी अच्छाई का चोला ओढ़
Women's empowerment
Women's safety, women's day
के नारे लगाएंगे
जो असल जिंदगी में
उन्हें एक पिंजरे में जकड़े रखे हैं ||-
Am I still in your heart ?
Or
removed like your whatsApp status ?-