सपने थे बहुत बड़े सपनों की लड़ाई अभी बाकी थी दुश्मनों को खटकती मेरी जिंदगी बाकी की रह गए वो सपने अधूरे जो करने थे मुझे पूरे सपनों से हुई मेरी कई बातें थी सपनों में छुपी हजार रातें थी अभी सपनों की लड़ाई बाकी थी ...
शिवानी बिष्ट ! 🦁-
जितना दर्द हमनें सहा है
उतना दर्द तुम सह न सकोगे
जो बात कहनी थी हमसे तुम्हें
अब वो बात कह ना सकोगे!
शिवानी बिष्ट✍-
ख्वाहिशों के महल में हम अकेले ठहरे हैं
जुबां से बयां न हो ज़ख्म इतने गहरे हैं
ये तो हमारी तहज़ीब है कोई तकल्लुफ नहीं
मगर इस जानी पहचानी दुनिया में अभी भी कई अनजान चेहरे हैं !
शिवानी बिष्ट✍-
लोगों ने तानों से मारा
अपनों ने चालों से मारा
इस जीवन में अपने माँ बाप ही एक मात्र सहारा |
शिवानी बिष्ट | 🦁🙏-
सारे सपने चूर हो गये
हमारे अपने ही अपनों से दूर हो गये
रहस्यमयि है ये जहान भी
जहाँ हम चलने को मजबूर हो गए!
शिवानी बिष्ट✍-
जितना दर्द है इस दिल में उसे छुपाना
पड़ेगा ना
अपने दिल का क्या हाल है सबको बताना
पड़ेगा ना
यूँ ही कब तक हमसे चुराएंगे नज़रें आप
जनाब
अपना किया गुनाह तो सबको समझाना
पड़ेगा ना!
शिवानी बिष्ट✍-
उस समय का इंतज़ार करो जो तुमने हमसे छीना है
हमें तो आज भी तुम बिन अकेले ही जीना है!
शिवानी बिष्ट✍-
बेवफा के ज़माने में वफ़ा कहाँ से ढूँढे
जो करें ना बेवफ़ाई वो वफ़ादार कहाँ से ढूँढे!
शिवानी बिष्ट✍-