अब इन्हें ग़म छुपाना आ गया है
हुई तालीम ख़त्म आँखों की-
29 AUG 2018 AT 21:18
कोई गाँठ खोल दो इन उलझे रिश्तों की
मेरी ज़िंदगी का, ये दम घोंट रही हैं-
19 JUL 2018 AT 16:27
ऐ मेरे रंगरेज़ मुझ पे इतनी इनायत कर दे ना
मेरे कोरे दुपट्टे को तू रंगो से अपने भर दे ना-
7 OCT 2022 AT 18:16
फिर वही रात वही चाँद वही तुम वही मैं
क्या किसी छत के मुक़द्दर में लिखे जाएँगे
- Vibha
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1 MAY 2020 AT 13:25
हर चीज़ पूरी होने पे हो जाती है फ़ना
हमने अधूरा छोड़ दिया इश्क़ इसलिए-
9 MAR 2021 AT 21:12
ना राजा मरता हैं,ना रानी मरती हैं,
ये इश्क कमबख्त हर सीने में मरता हैं|-