She died. My heart killed her.
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रात भर बाहों में कस के लिपट कर सोयी
सुब्ह होते ही बिस्तर पर अकेला छोड़ गयी
हर दफ़ा की तरह आज भी तमन्ना-ए-यार
हमें बिन जल मछली सा तड़पता छोड़ गयी
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ग़ज़ल:
कुछ भी तेरे बाद नहीं है,
ये तक तुझको याद नहीं हैं
इश्क़ मकाँ है गिरने वाला,
जज़्बे की बुनियाद नहीं है,
तेरा होना हक़ है मेरा,
ये कोई फ़रियाद नहीं है,
दिल जंगल तो बंजर है अब,
गोशा इक आबाद नहीं है,
एक जहाँ में कितनी खुशियाँ,
लेकिन कोई शाद नहीं है,
शेर कहा करता था मैं भी,
पर अब कुछ भी याद नहीं है,
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" मज़दूर...... "
रोटी की जंग में ख़ुद को हार रहा हूँ,
मैं मज़दूर हूँ साहब,
क्या इसी की सज़ा अब काट रहा हूँ,
थोड़े से चावल दाल में परिवार पाल रहा हूँ,
घंटों धूप में ख़ून अपना,
सिर्फ़ जीने भर के लिए उबाल रहा हूँ,
दुनिया तो रुक गई सबकों ये बता रहा हूँ,
भूख के शहर हर रोज़ मगर,
मैं उम्मीद में मीलों चलता जा रहा हूँ,
मैं वाकई क्या किसी को नज़र आ रहा हूँ,
सब बोल तो रहे है हफ़्तों से,
जहाँ हो वहाँ ठहरो "मैं" आ रहा हूँ,
रोने की आदत है मुझें ये भी मान रहा हूँ,
पर राशन की लाइनों में भी,
वो कहते हैं रुको, "मैं" पहचान रहा हूँ,
मैं आपकी बातों से अपनी हालात जान रहा हूँ,
साँसे उखड़ने लगी अब मेरी भी,
आज तीसरा दिन हैं अब तो सिर्फ़ पानी माँग रहा हूँ,
रोटी की जंग में ख़ुद को हार रहा हूँ,
मैं मजदूर हूँ साहब,
क्या इसी की सज़ा अब काट रहा हूँ....!!-
जो हो मुमकिन तो लाशें छुपा दीजिए
वरना जाकर नदी में बहा दीजिए
कह दो सबसे ज़बानों पे ताला रहे
जो न मानें तो बल से दबा दीजिए
वेंटिलेटर चले ना चले छोड़िए
उसपे फ़ोटो बड़ी सी छपा दीजिए
जैसे ही ख़त्म हो ये कोरोना के दिन
हिंदू मुस्लिम को फिरसे लड़ा दीजिए
है इलेक्शन के पहले ज़रूरी बहुत
फिरसे नफ़रत दिलों में बसा दीजिए-
तुम मान लो कि मेरी मोहब्बत है पूरी और तुम्हारी आज भी अधूरी है ,
मै चाहता हूं दिल से तुम्हें मगर लगता है तुम्हारी मजबूरी है ,
तुम्हे किसी और से मोहब्बत है बात वही पूरी है ,
तुम खुश रहो हमारा दुखी होना ही ज़रूरी है ,
कभी तेरी मोहब्बत मेरी ताकत थी आज मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है ,
जा तू हो जा किसी और कि मगर मेरे ख्वाबों में तू हमेशा मेरी है ।-