देखु जो तस्वीर आपकी,
दूर होके भी पास नज़र आते हो
देख के करू जो बात आसमां में,
बराबर इशारों में ना जाने क्या बतलाते हो।-
इंतज़ार की तलवार की नोक पर रख ज़ेहन मेरा जो इंतज़ार करा रहे हो,
संभल कर जनाब कहीं, कहीं इतना घायल ना कर देना की तुम्हे ही इंतज़ार करना पड़ जाये।।-
दो चार ही बातें कहूँगी पर यकीन् मानना हर बात पर उनकी हकीकत कहूँगी।।
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चाँद का दीदार कुछ इस कदर हुआ आज
मानों आपको देख लिया हो मैंने
चाँद को ऐसे मुस्कुराता देख
दिल से सिर्फ़ एक आवाज़ आई "पापा" !-
इंतज़ार तो आपका हमेशा रहेगा लौट के वापस आने का,
पर आप कभी वापस नहीं आओगे ये मानने की कोशिश कभी ना होगी।-
चलो इस भाग दौड़ वाली दुनिया से थोड़ा दूर चले
खुला आसमा, ऊँचे पहाड़, हसीन वादियों के बीच चले
ख़ुद को जो खो दिया था बरसो पहले
उसकी ही तलाश में सुकून से मुलाकात करने चले।।-
तेरी खुशियाँ माँगने लगे थे
हर चौखट पर धागा बाँधने लगे थे,
तुझसे हम कब दूर हुए
हर धागे से ये सवाल करने लगे थे।।-
खूब जो ये चोट लगी तो हमने जाना,
ज़ख़्म को भी भरते भरते कुछ वक़्त लगता हैं,
पर तेरे दूर होने के जो ज़ख़्म अभी भी हरे हैं,
उनको कैसे और कबतक भरा जाऐगा वो तो बताओ।-
करते हैं कमाल, लिखते हैं उसे भी बेमिसाल,
दर्द को शब्दों में पिरोके, शब्दों को करते हैं दिलशाद।
माँगे यही दुआ रहे तु अब दर्दों से ला इल्म, दुनिया की सारी खुशियों से मरूफ हो,
मुर्शिद! दुआएँ मेरी लगे तुमको, जहाँ भी रहो ख्वाइशें तुम्हारी कुबूल हो।-
Tu inna he pyar kar jinna tu sehn sake...
Bichhadna ve pade hunn zinda reh sake...-