छोड़ आए हम तुझसे जुड़े तमाम शिकवे-ए-शिकायत उसी मोड़ पर,
जहां से तुम राह-ए-जिंदगी मे हमें तन्हा छोड़ गए थे।-
तुम जो आओ तो अब के साथ मे कुछ लम्हें फुरसत के ले आना,
भुली हुई उन सभी यादों की खूबसूरत तस्वीरें ले आना,
ले आना वो साथ तुम्हारा जिसपर हक़ हमारा हुआ करता था,
तुम जो आओ अब के वहीं प्यार का एहसास साथ ले आना।-
हमें बस त्यौहारो की तरह याद कर लिया करते हो,
इतना मानते हो हमें या सिर्फ रस्म-ए-अदाई कर दिया करते हो।-
जब जब बीते दिनों की याद आती हैं,
नजरों के सामने मासूम सी, नटखट सी लड़की आ जाती हैं।-
"दुआ"
दफ़न कर अपनी मोहब्बत को दिल की गहराईयों मे कही,
मैं अपने ग़म भुला उसे जिंदगी भर खुश रहने की दुआ दे आई।
तडप रही थी रूह मेरी, कर रही थी आरजू-ए-मोहब्बत की फरियाद,
खुद को तबाह कर मैं उसे आबाद रहने की दुआ दे आई।
टूट कर बिखर गया मेरा अरमानों का शहर जो कभी उसके साथ मिल कर बसाया था,
मैं उस बिखरे अरमानों को सहज उसे नयी दुनिया बसाने की दुआ दे आई।।-
बडी नज़ाकत से थामा था उसने हाथ मेरा,
जिसे हर वक्त रहता था ख्याल सिर्फ़ मेरा,
वहीं शख्स मुझे घाव दे गया बहुत गहरा।-
उम्मीद तो नहीं है लेकिन फिर भी एक अधूरी-सी आस हैं,
कभी, कहीं किसी रोज उनसें मुलाकात हो जाएगी।-
ख्वाहिशों का क्या है ये तो मौकापरस्त होती हैं जनाब,
आती है तो सौगातों के साथ और रूसवाई दे कर जाती हैं।-
आज गुम हूँ गुमनामी के अंधेरों में तो कोई गम़ नहीं,
कल की सुबह मेरे नाम कामयाबी की रोशनी जरूरी लाएगीं।-
सुनाने को तो बहुत कुछ है हमारी दास्तां-ए-जिंदगी मे
लेकिन कभी सुनाई नहीं हमनें,
कमबख्त कही हमारे ग़म सुन कोई तुमसे नफरत न कर बैठे।-