चुल्लू भर पानी मे डूब मरना कहावत थी कभी,
चुल्लू भर पानी के लिए, अब डूब मरेंगे सभी...
#savewatersavefuture-
थोड़ा इन्तज़ार और सही
तीन घंटे से लंबी कतार में, बस ये कह कर आगे बढ़ती
कि थोड़ा इन्तज़ार और सही।
पर कोसते ज़ुबाँ सब्र को पहचानते नहीं।
कोई कहता- चुनाव में जुमलेबाजी करने वाले आज लापता है।
तो कोई कहता- अब अधिकारी हमारे हालात नहीं, जेब की गर्मी देखते है।
और दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना था-
मौसम के ताप का शिकार हुए है हम
गर्मी जेब में नहीं, हमारे दुखते-जलते पैरों में है।
गली-गली जा कर, लोगों की तानों की आग में पहले दिल फिर बदन जला कर,
दौड़-भाग से पैरों तक झुलसते है और फिर जब घर लौटे
तो जलता हुआ बिस्तर आराम नहीं, बेचैन दौड़ती सोच देता है।
बरसात ने इस बार नाराज़गी दिखाई थी।
झरनों और सैलाब ने गुम होना बेहतर समझा।
अधिकारी बरसात की उम्मीद में डूबे थे
और आम जनता जल विभाग को कोसते रहते।
पर ग़लती किसकी है? क्या इल्ज़ाम थोपना इतना ज़रूरी है?
शिकायतों का अम्बार लगना वाजिब है।
पर आख़िर ये शिकायत है किससे?
काश! इन्तज़ाम ऐसे कर पाते अपने घरों पर
कि हर साल बरसात का थोड़ा सा पानी बचा लेते
तो आज न परेशानी होती, न शिकायत,
न इल्ज़ाम होते, न लम्बी कतार और न खाली बर्तनों संग इन्तज़ार।
आने वाला कल जब हमें बंजर कर जायेगा
तब किसे क़सूरवार ठहराएंगे, कुदरत से लड़ पाएंगे?
खैर! सोच के इस उथल-पुथल में जब मेरी बारी आयी
तो नल ने मुँह बन्द कर लिया और मैंने फिर ख़ुद से कहा- थोड़ा इन्तज़ार और सही। (गीतिका चलाल) @geetikachalal04-
WATER
My grandfather cherished the rivers,
My father celebrated the tanks,
I suffice with the buckets.
My son will worship the bottles and
My grandson will spot that in pictures?
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Save Water
बूँद- बूँद है खुशियां यारा,
बूँद-बूँद जिंदगानी
बूँद-बूँद से सपने पुरे,
बूँद-बूँद है पानी।।
बूँद-बूँद की उतनी बातें,
जितनी जीवन की कहानी
खामोशी इसमें रहती है,
जैसे आँखों में पानी।-
पानी, जल, नीर हूँ मै,
मुझे यूँ ना व्यर्थ बहाया करो l
बन पड़े जितना भी तुमसे,
मुझे उतना तुम बचाया करो l
तुम्हारे जीवन मै जान मुझ से है,
ये बात कभी ना भुलाया करो l
#savewater
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आओ मिलकर एक-एक पेड़ लगाए
पानी को प्रदूषित होने से बचाएं
पानी हम बचाएंगे
तब तो हरियाली ला पाएंगे
रहेगा हरा भरा ये संसार
हमारा रहेगा ये प्रयास।
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पानी की एक-एक बूंद अनमोल है ,
समय रहते समझ लो पानी का क्या मोल है ।
पानी को यूंही तुम बर्बाद ना करो ,
जरूरत हो जितनी उतना ही प्रयोग करो।
यही तो वो अनमोल जलधारा है ,
जिससे जुड़े हम सभी के प्राण हैं-
पानी हे चारो तरफ फिरभी मंगल ग्रह पर हम ढूंड रहे
जो हे उसकी कदर नहीं
जिसने मिलना नहीं उसके पीछे हम दौड़ रहे-
जितना है उतने में ही जिंदगी गुजारा करो
बहुत गर्मी है साहब!पानी कम बिगाड़ा करो।-
The Water says...
Few decades back I was very CHEERFUL
Every drop of mine was so PEACEFUL
I was free from all the FEARS.
Now tap remains open and I shed my TEARS
I used to move freely in the RIVER
Now I am suffering from toxic FEVER.
You throw untreated sewage in ME
I tolerate the chemicals and you say "let it BE."
I am in your hands ,Be very KIND.
Save me from wastage,Keep that in your MIND.
My every drop is a BOON.
You will know my importance very SOON.
@Suneha Manhas
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