चलो आज नई शुरुआत करते है ...
इन दलालों से खुद को सावधान करते है ...
अब नहीं देना है किसी को अपना हक,
नहीं जीना है किसी के सहारे अब ...
चलो एक नई शुरुआत करते है ...
नहीं करेगे मतदान किसी के कहने पर,
चलो खुद को नियम बद्ध करते है ...
क्यों जीना किसी के सहारे अब, हम भी सक्षम है
चलो ये सिद्ध करते है ...
चलो आज नई शुरुआत करते है ....।
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पड़ जाती हैं दरारें पत्थरों पर, बूंदों की चोट से...!
पल रहे हैं भ्रष्टाचारी कीड़े,नेताओं की ओट से...!!-
● अक्सर हसकर वो हर परिस्थिति में निखर जाता हैं _ !
● आंसू छिपाकर वो हर दर्द में मुस्कुरा देता हैं _ !-
आखिर कब तक समाज और परिवार के डर से बेटी अपने सपनों और अपनी इच्छाओं से भागती रहेगी l
आखिर कब तक हमेशा इज्जत के खातिर बेटी का ही बलिदान दिया जाएगा l
आखिर कब तक उसे समाज में अपनी इच्छा के अनुसार जीने नहीं दिया जाएगा l
आखिर कब तक बेटियों के सिर इस तरह काटे जाएंगे
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तुम्हारे दाग़ अच्छे हैं🙌🏻🙌🏻🙌🏻
🙏🏻कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें🙏🏻
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यूँही नहीं ये पूरी दुनिया डरती है हमसे!
हम समाज हैं बच्चे,
लोगों की पूरी जिंदगी उनकी शक्लें देख जान जाते हैं!?
//Captioned//
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कभी घर की शोभा
तो कभी दूजे के घर की मर्यादा ...
कब तलक तुम वजूद मेरा बेड़ियो में कोदोंगे
कब कब मेरे ख्वाब तुम यू रोंदोगे ...
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मुझे नहीं चाहिए चुड़ियाँ
ना चाहिए पैरों में बेड़ियां
जो दे सको
तो हकीकत लिखने की
हकीकत कहने की
कुछ हकीकत मुख्य धारा में बहने की
कुछ हकीकत समान तेरे भी सहने की
कुछ हकीकत अस्तित्व मेरा नहीं ...
रूह तेरी अंधकार में होने की
कुछ हकीकत मेरे बेज़ार होने की
कुछ हकीकत धुँधले सपने पिरोने की
यू तो हूँ आजाद
पर हकीकत मेरे आजाद होने की-
"ख्याल पुराना सा"
मुझे तो वो पुराना वाला रिवाज भी अच्छा लगता है,
सर पे तुम्हारे दुप्पटा मुझे आज भी अच्छा लगता है।
छूना सारी ऊंचाइयां ,हुनर तो तुम भी लाजवाब रखती हो,
घर की लक्ष्मी बनी रहो तुम ,ये ताज भी अच्छा लगता है।
कहाँ मिलेगा दिन भर की थकान में प्यार तेरी खुशियों का,
तेरे हाथों की चाय से दिन का ,आगाज भी अच्छा लगता है।
कौन कहता है कम्बख्त लड़कियाँ आसमाँ नहीं छू सकती,
सुने हज़ारों की भीड़ तुम्हें ,वो आवाज भी अच्छा लगता है।
चहचहाना चिड़ियों सा बिन मौसम बरसात सा लगता है,
घर को खुश रखने का तेरा ,अंदाज़ भी अच्छा लगता है।
बेच कर रख दिया है इंसानियत इन धर्म के ठेकेदारों ने ,
तुम्हें पसंद हों श्री राम तो ,मुझे नमाज भी अच्छा लगता है।-