-ग़ज़ल-
तुम्हें याद करके पुकारा करेंगे
ख़ुशियों के माहौल में पुकारा करेंगे।
इनायत में शामिल इश्क़ की दुआयें
हम मन्नतों में आपको इशारा करेंगे।
इक पल कटता नहीं बिन आपके
हमेशा गुफ़्तगू याद करके गुज़ारा करेंगे।
हम आइने के सामने है, नज़र आप आये
मेरे हर मुस्कान और खुशी तुम्हारा करेंगे।
हाथों में हाथ लिए, हम किनारे पर चलें
मधुर रूप कुर्बत की नग़मों को हमारा करेंगे।-
आसमान तक उसकी आशा थी
आशयों का आगार था
कोशिशें ज़ोरदार ज़ारी थी
लेकिन क़िस्मत का खेल अनूह्य था
ग़रीबी की जाली थी
रोब की ज़रूरत थी
धनाढ्यता का महत्व था
सुयोग तो अमीर और प्रबल को था
हुनर तो पुतले की तरह ख़ामोश था
यह लाचार की अपेक्षा मध्य श्रेणी जीवन
का यथार्थ बन गया
समझौतों की सीमा पार करके जा नहीं सका!
(क्योंकि ये प्रामाणिक और शरीफ़ था)-
होता है मुझ से अकसर !!!
एक ही ख़्याल बार बार आता है
मन में वही बात गुनगुनाता रहता है
आलोकन गहरी बातें लफ़्ज़ों की माला बन जाती है
लिखी हूँ कई बार नींद में कविता शौक़ से
चैन की नींद आती है बाद में!!!-
हर सवेरे नया चमक लाता है प्रज्वलित सूरज
नये रास्ते, नयी मंज़िले दिखाता है अपनी आरोही में
उमंगों की दुनिया छुपी है दिल की धड़कनों में
देखो और समझो अनोखे है एक एक झरोखे
सुनेहरे किरण छूनेसे होंगे परिवर्तन कुछ नये
सहर की लहर से पहचानो आने वाले कल की आरुषि ।-
दिल को इम्तहान है
आँखों में ऐतबार है
धड़कन भी बेक़ाबू है
इंतज़ार के पल भारी है
हिम्मत भी झाँक रही है
ख़बर केलिए द्वार खुले है
जवाब का इंतजार है-
भूले बिसरे लोग अचानक ख़्वाबों में
न याद किया था और न ही बातों में
अब सोच रही हूँ मिली उनसे कौनसी डगर में
ग़ज़ब है! होगा नाता कहीं न कहीं अंजान दास्तानों में !!!!!-
मुझमें और किस्मत में हर बार बस यही जंग.... मैं उसके फैसलों से तंग वो मेरे हौसले से दंग...!
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जीना सीख रहे है हम
तजुरबों की तिजोरी भर रहे है हम
अच्छे बुरे से ताक़त ढेर लगा रहे है हम
क्योंकि ज़िंदगी आसान नहीं होता
इसे हासिल करने केलिए हर तरह की
मुश्किलें सामना करना है हमें-