अरे वो मेरे प्यारे ख़ास रिश्तेदार, नेह दिल के तुम सबसे करीब,
बंजारा घुमक्कड़ी मिजाज़ तुम्हारा, रिश्ता तुमसे सबसे अजीब।।
मुझे YQ पर लाने वाले, मेरी लेखनी को पहचान दिलाने वाले,
मिलता कहा है किसी को दोस्त ऐसा, होता कहा ऐसा नसीब।।
गुम हो गए है आप कही, दिखते नही अब कभी योरकोट पर,
जब तक नही मिलती आपकी प्रतिक्रियाएं, नेह रहती गरीब।।— % &-
प्रयत्न तो बहुत किए
रूठो को मनाने में
पर लोगो ने भी समय गवाया
हमें आजमाने में।
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बरसात में कच्ची पगडंडीयां घास फूस से ढकने लगता है
और उलझनों में रिश्तेदार भी बबूल खूब इस्तेमाल करता है।
दर्ज है किताबों में कि अपने ही अपनों का काम आता है
तो क्या विभीषण मर गया और विभीषण पैदा नहीं लेता है।-
कुछ अभिमानी लोगो की वजह से !
पूरा परिवार बिखर जाता है 😔
ए खुदा हमे ऊन लोगो में हरगिज सामिल मत करना 🙌-
रिश्तेदार 💔
जिम्मेदारी रिश्तेदारी से बढ़कर होती है...
और रिश्तेदार जिम्मेदारी निभाने नहीं देते....
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anyone,to give me a
long page lecture,i am
able to reply your taunt,
in a very good way,so don't
even think about it.
Got it .
#चार लोग and #रिश्तेदार
@सौम्या✨-
Bahut Adiyal Type Ke Chor Hai
Apna Purana Chapal Bhi Nahi Chodkey Jaatey-
चुलबुली सी इक लड़की मुझे मेरे बचपन की याद दिलाती है
कहती है बैठों आप मैं दो कप चाय बना कर लाती हूँ
उसकी बक बक कभी बकवास नही लगती
तंग करें तब भी मुझे बदमाश नही लगती
मुझ से मिलती है खुबियाँ उसकी पर रिश्तेदार नही लगती
अलग है खास है खट्टी मीठी एहसास है मासूमियत भरी उसमें बेतहास है
वो है बहुत छोटी अभी पर छोटे न उसके काम है
सुबह सुबह पूजा करनें से ही उसकी सुबह की होती शुरुआत है
समझदारी की वों मिशाल है , वो छोटी सी लड़की लाजबाब है
किसी के पास उसके तर्कों का नही कोई सटिक जबाब है .
लाली उसका लाड़ सें बुलानें वाला प्यारा नाम है
उसकी आदतें उसकी हरकतें मुझे बचपन में लेकर जातीं है
हाँ यही बातें उसकी मुझे बेहद पसंद आती हैं ,चुलबुली सी इक लड़की
मुझे मेरे बचपन की याद दिलाती है
_Harshita pathak
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