जो पेड़ लगाकर100 तस्वीरें खिंचवाते हैं,
अनायास अगले दिन उनमें पानी देना भूल जाते हैं,
हाथी मरे या मरे कोई जानवर तो ट्वीटर पर बवाल मचाते हैं,
पर थाली में वो बटर चिकन खाते हैं,
लम्बे भाषणों से प्रकृति प्रेम दर्शाते हैं,
बच्चों को खुश करने के खातिर राह चलते कुत्ते को पत्थर मार जाते हैं,
लकड़ियाँ काटे जब कोई ये लम्बी रैली निकालते हैं नारों का हुजूम बरसाते हैं,
सुबह चमड़े का जैकेट पहन सैर को जाते हैं,
प्रकृति भी ये तमाशा देख जोरों से मुस्कुराती हैं,
हां!इंसान ऐसे ही हर वर्ष पर्यावरण दिवस मनाते हैं?
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