भूलना वो है जो याद हरदम है ...
जाना वहाँ नहीं ,जिस ओर किनारा है
नज़रें चुराना है उनसे ,जो बंद आँखों से भी दिखता है ।
गीत वो गाना नहीं , जिसके शब्द (या भाव) पुराना है ।
बोलना वो नहीं है ,जो बात दिल में दबी है ...
लिखना वो नहीं है , जो सपनों से चुराया हो ।
कैद में है दिल , फिर भी महफिल में जश्न मनाना है ।
पुरानी यादों को आज ,सच्चाई की लौ में जलाना है ।।
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