चाहे मैं हूँ...चाहे तुम हो...
चाहे राधा - किरशन...
हर प्रेम कहानी पर ही संकट ,ठेलम ठेल रहे है...
हम तेरी यादों में बैठ ,मुस्काएँगे ऐसे...
जीवन के पर्दे पर जैसे ,हम तुम खेल रहे है ।।
आज विरह की सी विपदा में...
आँखें नम ना करना...
जाने कितने लोग है...जो ये विपदा झेल रहे है...
मेरी याद तुम्हे जब आये...मुस्का देना ऐसे,
जीवन के परदे पर जैसे...हम तुम खेल रहे है ।।
-