करूण ए कर्म हम
किए जा रहे हैं
उम्मीद ए जहान हम
बुने जा रहे हैं
भवरो ए सवाल हम
पुछे जा रहे हैं
रेत सी ए जमीं पर
चले जा रहे हैं।।।।-
वो तो चला गया जला कर मेरे सपनों का शहर
मैं वही दर्द शब्दों में पिरो कर लिखता हूँ
वह मेरा हो न सका पर मैं उसी का रहा
मैं तो उसकी सलामती की दुआ दिन रात करता हूँ
इकरार और इंकार का खिलवाड़ तो न करते
मैं तो उनकी याद में न जीता हूँ न मरता हूँ-
जीता है वह शान से,
शान से ही वह मरता है ।
बेशक महंगी होती है जिंदगी, पर
देश के खातिर मोह नहीं करता है।
सर कट जाए उसका,पर
अपनी आन नहीं छोड़ता है।
भले ही आकाश फट जाए ,
उसका शीश ना झुका, ना झुकता है ।
हृदय में प्रेम भरा है ,
भारत माँ के लिए लड़ता है।
सब उसे सैनिक कहते हैं,
मेरी नजर में वह हीरो दिखता है।-
शब्दों के है वो जादूगर बड़े निराले
अपने लेख, कविता और शायरी के है बड़े मतवाले
बिन बोले कहे देते अपने दिल की बात वो है बड़े सयाने
उनके लिखने की अदा के हम सब हैं दीवाने-
जाने क्या मंजूर था किस्मत को हमारी
पास हो कर भी हमसे दूर हो गए
मेरे जेहन में आज भी ताज़ा है सारी यादें तुम्हारी
जाने क्यों आप मुझे उन यादों सहारे छोड़ गए
हम ने वादा किया था कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे तुम्हें
तुम्हारे हाथ तो थे मेरे हाथों में, पर हाथों की लकीरें न बन सके
कितना प्यार था हमारे दिलों के दरमियान, फिर भी पा न सके तुम्हे
खुदा भी अफसोस करता होगा, दिल तो मिले दोनों के पर धड़कन न बन सके-
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