जो बात बात पर खफ़ा हो जाए।
उनसे कह दो कि दफ़ा हो जाए।-
24 JUL 2021 AT 9:52
अगर मुसाफिर हो तुम , ये तो फिर डर कैसा।
मुकम्मल हो जाए आसानी से वो सफ़र कैसा।-
18 JUL 2021 AT 19:36
अजब चक्रव्यूह है जिंदगी में उलझनों का,
प्रियस में खो जाता हू, ख़ुद को ढूंढते-ढूंढते।-
22 JUL 2021 AT 9:19
वक़्त का भी अपना अलग रुतबा है,,
पल में अनंत, पल में शून्य बना देता है।-
24 JUL 2021 AT 9:44
कम नहीं है ये लुत्फ़ भी सफ़र का,
फकत राह के पत्थर हैं मंज़िलें तो।-