QUOTES ON #POETRYCAFE3

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29 JUL 2020 AT 19:45

जल्द ही पेश होंगे ले कर अगली पेशकश
"नक़ाब"

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15 JUN 2018 AT 11:32

इस झुलसती गर्मी में थोड़ी गर्मी चाहिए
हर दर हर सर्द रिशते को थोड़ी नर्मी चाहिए

मैदान ने मांग ली बारिश आसमानों से हाथ जोड़ कर
मेरी गर्मी की मांग पे आज दिलों की बर्फ पिघलनी चाहिए

~ डिम्पेश राजानी

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9 AUG 2017 AT 17:40

ज़िन्दगी Re-defined

हँसना, गाना सब को बताना
रोना, रुलाना, सब से छुपाना

भेड़ चाल मेँ भेड़ हो जाना
सब को लुभाना
भीड़ मेँ ढेर हो जाना
सब को लुभाना

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29 MAY 2018 AT 3:05

कोई गिरता है, तो इतना हँगामा क्योँ है
जिस को गिरना था, नज़रोँ से आखिर
गिर गया

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26 MAY 2018 AT 14:32

वक्त का तराज़ू है, किसे नहीँ तोलता है
इंसान हो जो सच्चा, अस्तित्व बोलता है
ईमान हो जो कच्चा, ज़रूर डोलता है
वक्त के झूले मेँ, हर शख्स झूलता है

कोई रो के झूलता है, कोई झूम के झूलता है

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22 JUL 2017 AT 12:48

मैं इक कागज़

बेफ़र्क सा लहराता हुआ, हाथों में तुम्हारे
संभालता अहम् का ज़ोर, बाहों में तुम्हारे

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10 JUN 2018 AT 20:47

टूट कर चाहना,
फिर टूट कर बिखर जाना

महफिल-ए-ज़ालिम है ज़माना
महफिल-ए-दस्तूर है मुकर जाना

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