नाम सुनके जिसके रौंगटे खड़े हो जाते हैं
न जाने कैसे हम इसे याद कर पाते हैं
Pharmacology भी बड़ी निराली है
जितना पढ़ो पास आ जाती है ............
न पढ़ो फिर दूर चली जाती है .............
Classification की दुनिया भी बड़ी मस्त है
सुबह पढ़ो रात को सफा हो जाती है ............
Classification की तो खिचड़ी बन जाती है
Hypnotics की drugs, cholinergic में मिल जाती हैं
Mechanism of action तो पास ही नहीं आता
अब तो classification खुद से ही याद करना है
College में तो teacher खड़ा करके भी रटा देते थे... ||
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