Jmane ki humne parwah naa ki......
Na uske sath na uske bad........
Usi jmane ke liye usne meri parwah naa ki.....-
माना दुरिया ...
बहुत आ चली हैं दरमिया हमारे
पर आज भी तकलीफ़ उसकी
नींदे मेरी उड़ा दिया करती हैं... !!
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मेरी बाप की इज़्ज़त का,
ख़्याल उसे मुझसे ज्यादा !
❣️
वो चूम कर माथा मेरा,
परवाह जता देता है !
❣️
पर होठों को चूम कर,
कभी प्रेम नहीं जताता है !!-
मैं उठाऊं,
जो क़दम,
कभी गलत !
वो आ कर,
रोक लेंगे !
मैं लड़खड़ा,
जाऊं जो,
कभी रास्तो में !
वो आ कर,
थाम लेंगे !
वक्त से साथ,
प्रेम भले कम,
हो जाए !
पर वो परवाह मेरी,
कम न होने देंगे !!-
चूम कर माथा मेरा,
पुराने ज़माने की तरह,
परवाह जताता है !
वरना,
आजकल के ज़माने में,
तो चूम कर होठ ही,
बताया प्रेम जाता है !!-
परवाह' करने की बात करते हो,
तुम हमें 'तबाह' ही कर दो,
'आज' भी ये हक, हमने 'सिर्फ तुम्हें' दे रखा है।
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वो मेरी परवाह नहीं करते..
मुझे इस बात की परवाह नहीं
परवाह इस बात की है कि
वो मेरी परवाह को परवाह नहीं समझते-
अपनी फिकर करना छोड़ दिया मैंने,
तुम जो मेरा इतना ख्याल रखते हो,
देख मेरी इन आँखो में जरा भी नमी,
तुम छोटे बच्चों की तरह रो पड़ते हो..!!!!
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