प्यार तो हमे भी हुआ है, एक पहाड़ीन से,
दिल लगा बैठे है, एक तिवारीन से,
देखा उन्हे जब पहली बार, दिल गया मै उनपे हार,
हर वक़्त हर पल, उनके यादो में खोये रहते थे,
बाते करना चाहे पर, कुछ कहने से डरते थे,
हम आज भी बेहद, प्यार करते है उस पुजारीन से,
दिल लगा बैढ़े है, एक तिवारीन से,
भोली सूरत गोरा मुखड़ा, जैसे लगे चाँद का टुकड़ा,
नैन नशीला ओठ मधुशाला, जैसे लगे जाम का प्याला,
मुलाकात तो अक्सर हुआ, पर कभी बात ना हुई,
आपकी याद ना आये, ऐसा कोई दिन-रात ना हुई,
कैसे बताये दिल का हाल, उस बंजारीन से,
दिल लगा बैढ़े है, एक तिवारीन से।-
मुस्कुराने की वजह ना पूछो हमसे,
बस किसी से दिल्लगी कर बैठे है,
आखो में बसा कर, हम उनपे ही मरते है,
सच बताउ तो हम, उनसे ही प्यार करते है।-
उत्तराखण्ड के सर्दी की तरह मेरा प्यार भी,
आप के लिए बढ़ता जा रहा है,
दिल ने जिसे भूल जाने की खाई थीं कसमें,
अब वो वादे टूटता जा रहा है,
कल जब उन्हें देखा तो जाने, क्यूँ ये दिल मचल गया,
था मेरा भी ज़िद ना देखूँगा दोबारा,
पर नजाने क्यु ये मन बदल गया,
सुर और ताल का संगम हैं गहरा, महफ़िल की तरह
मेरा प्यार भी आपके लिए,
बढ़ता जा रहा है नैनीताल झील की तरह,
ना जाने आप को देख कर, क्यू बेचैन हो जाता हूँ ,
कभी ख़ुद को तन्हा, तो कभी अकेला पाता हूँ,
मैं टूटा था पहले से, कल फ़िर से और टूट गया,
अब दर्द भी लिख नहीं पाता हूँ,
जैसे कलम भी मुझसे रूठ गया,
अब तो मुश्किल है जीना, पानी के बिन मीन की तरह,
मेरा प्यार भी बढ़ता जा रहा है, देहरादून की तरह!-
ना जाने कितना, रुलायेगी वो लड़की,
इस दीवाने को ना जाने, कितना सताएगी वो लड़की,
बेइंतिहा मोहब्बत हैं उनसे,
पर दिल जुड़ने से, पहले ही टूट गया,
सजोया था दिल, अरमानों का कारवां,
पर अरमानों को, बेदर्दी लूट गया,
मरते दम तक, याद आयेंगी वो लड़की,
ना जाने कितना, रुलायेगी वो लड़की,
दिल लगा कर, गुनाह ए अजीज किया हैं,
बेदर्दी के प्यार में पड़कर, रुह का अपने कसूर किया हैं,
जाने कितना, तड़पायेगी वो लड़की,
ना जाने कितना, रुलायेगी वो लड़की।-
नज़ाने क्यू तुम मुझे,
इतना याद आते हों,
यादों का दर्पण बन कर,
तुम मुझे हर पल सताते हों,
जो बीत गया कल,
वो आने वाला दौर नहीं,
हज़ारों चेहरे देखें पर,
तुमसा कोई और नहीं,
राम जाने क्यू, तुम मुझे इतना भाते हों,
नज़ाने क्यू तुम, मुझे इतना याद आते हों,
दिल में बसाया हैं, तस्वीर तेरा,
सोचता हूं कैसा हैं, तक़दीर मेरा,
जो हर वक्त मुझे, तुम रुलाते हों,
दिल में इक विरह, की आग जलाते हो,
क्य़ा हमें भी तुम, अपने यादों में पाते हों,
नज़ाने क्यू तुम मुझे, इतना याद आते हों।-
तुम्हारी तस्वीरें भी, अब देखना छोड़ देंगे,
मुझे ब्लॉक करने की ज़रूरत नहीं,
जिस चेहरे के पीछे पागल था मैं,
शायद वो तुम सूरत नहीं,
जाने क्यू बह गया प्यार में,
जिसमें कोई सीरत ही नहीं,
जिस काँच में तेरा, चेहरा गलती से भी,
दिखा तो वो, काँच ही तोड़ देंगे,
सच मानो तुम्हारी तस्वीरें भी, अब देखना छोड़ देंगे,
वैसे भी हमनें अपना, आत्मा-सम्मान खोया हैं,
तेरी यादों में नजाने, ये दिल कितना रोया हैं,
तेरा साया भी कहीं, मिला तो राहें मोड़ लेंगे,
सच मानों तुम्हारी तस्वीरें भी, अब देखना छोड़ देंगे,-
सम्भल रहा हू आजकल,
जबसे उन्होंने कहा, मुझे बेवफा मत कहना,
पर उनकी यादों को कौन सम्भाले,
जिस को दिल चाह कर भी भूल नहीं पाया,
टूट गया हू और मुश्किल हैं, उनका विरह सहना,
सम्भल रहा हू आजकल,
जब से उन्होंने कहा है, मुझे बेवफा मत कहना,-
हमसे ना पूछो, तन्हाई का आलम सनम,
हम तो सिर्फ आप पर ही मरते है,
दिल अपना होकर भी अपना नहीं है,
जो हर वक़्त तेरे याद में खोये रहते है।-
मेरे प्यार में दूरी तुझे धोखा लगा,
इन आँखों को कभी पढ़ लिया होता,
कभी तो दर्द छोटा लगा होता,
नफरत हैं तुझे मेरे नाम से कोई बात नहीं,
मेरा लहू तेरे किसी काम आ जाये,
मेरे लिये इससे अच्छी कोई बात नहीं।-