"लड़के क्या चाहते है?"
लड़कियां कह देती हैं कि उनका हमसफर कैसा हो,
मगर लडक़ों को अक्सर मैं खामोश ही देखती हूं।
एक अच्छे साथी की ख्वाहिश तो लड़कों की भी होती है,
मगर कैसा चाहिए? ये शायद मुश्किल ही समझ पाती हूं।
शायद जैसे लड़कियां पति में, अपने पिता का अक्श ढूंढती है,
लड़के भी अपनी पत्नि के दुपट्टे में, मां का आंचल ढूंढते हैं।
लड़कियां चाहती है कि वो उसकी जिद्द पापा जैसे पूरा करे,
तो लड़के भी चाहते है कि वो उसे मां की तरह खाना खिलाए।
हम सब एक जैसे ही तो हैं, दुनिया भर की उम्मीद नहीं करते,
बस एक साथी चाहते हैं,जो हमे प्यार और सम्मान दे सके।
जब पिता अपनी गुड़िया का हाथ, अनजान शख्स के हाथ में देता है,
तब मां भी अपने लाडले को, एक अनजान लड़की को सौंपती है।
(Dedicate to every "मां का लाड़ला"❣️)
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