QUOTES ON #NIKHILSISODIA

#nikhilsisodia quotes

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24 AUG 2022 AT 14:48

मेरे दिल की है तमन्ना मैं सोगवार रहूं
उम्र भर आपके लिए यूं ही बेकरार रहूं !!

इलाज़-ए-इश्क़ मयस्सर न हो कभी मुझको
इश्क़ में आपके हमेशा यूंँ ही बीमार रहूं !!

और कोई दूसरी ख्वाहिश नहीं रही मुझको
ख्वाहिश ऐ दिल है कि आपमें मैं जाँनिसार रहूं !!

मैं किसी और का न प्यार बनूं जीते जी
बस तुम्हारा ही मैं ठुकराया हुआ प्यार रहूं !!

फिर किसी और कि चाहत न ज़िन्दगी में हो
इतना आप दर्द दो गमों की मैं बहार रहूं !!

आप मेरे दिल को कितना मीठा दर्द देते हो
चाहता है ये दिल कि आपका ही गमखार रहूं !!

अमीर होने की ख्वाहिश नहीं है मेरी
उम्र भर आपकी मोहब्बत का कर्जदार रहूं !!

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30 AUG 2022 AT 16:18

पूरी दुनिया जीतकर भी अगर माँ - बाप
का दिल ना जीता तो वो
हार के समान हैं !!

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8 SEP 2022 AT 13:10

कभी कभी इंसान को वो रिश्तें भी थका
देते है
जो कभी उसे सबसे ज्यादा सुकून दिया
करते थे..!!

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2 SEP 2022 AT 16:27

ना जाने कितना कुछ कहते_कहते
रह जाता हूंँ मैं
सच बात हैं ये बहुत बदल गया हूंँ मैं..!!

पहले जिन बातों पर लड़ जाता था
आज कल उन्हें
उन्हें बड़ी आसानी से सह जाता हूंँ मैं..!!

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26 AUG 2022 AT 20:02

मेरे हर नज़र में बसे हो तुम मेरे हर क़लम पे
लिखे हो तुम

आपको सोच लूँ तो ग़ज़ल मेरी न लिख सकूँ
तो वो ख़्याल हो तुम..

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25 AUG 2022 AT 11:22

उम्र गुज़र रही थी ख्वाहिशें बदल रही थी
कल तक जो शौक़ थे मेरे आज वो ही ज़रूरत
बन रहें थे रास्ता वहीं था_दूरियां वहीं थी बस मेरे ख्यालों की तस्वीर बदल रही थी कल तक जो मशाल अंधेरों को चीर रही थी आज वही मशाल घर जला रही थी..!!

इसे वक्त का सितम समझू या फिर कोई नया फ़लसफ़ा समझू , वक्त के पहलू में ज़िन्दगी कुछ यूं करवटें बदल रही थी शांत साहिल सा हो गया है वजूद मेरा इसे बेपरवाह लहरों का आगाज़ समझूं या फिर
ज़िन्दगी नया सबक सीखा रही थी बैठा रहा सारी रात चांद की रोशनी में सायद रात मुझे सुबह का इंतज़ार
करा रही थी..!!🙇

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31 AUG 2022 AT 17:36

दर्द तो
सभी के पास है..
फर्क बस इतना सा है
कोई रोकर बता देता है
कोई हंँस कर छुपा लेता है..

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21 SEP 2022 AT 8:42

वक्त अगर एक सा रहता तो
फिर अपनों की पहचान कैसे होती.⏳

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6 SEP 2022 AT 11:00

ज़ख़्म कहां-कहां से मिले है छोड़
इन बातों को,
जिंदगी तू तो बता सफ़र और
कितना बाकी है..!!

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23 AUG 2022 AT 11:05

मेरे प्रिय दोस्त
आज मेरे जन्मदिन के पूरे एक हफ़्ते बाद
तुम्हारा तोहफ़ा मुझ तक पहुंँचा। तुमने तोहफ़े
में ये डायरी और पेन दे कर जैसे मेरे कानों में
कह दिया हो खूब लिखों निखिल , इतना लिखों
की तुम्हें सुनने और पढ़ने के बाद तुम्हारे बारे में
लिखा भी जाए..

पता है मेरा हमेशा से मानना था की किसी को
उपहार में किताबें डायरी पेन देने से बेहत्तर कुछ
भी नहीं क्यूंकि ये देते वक्त आप उसे दे देते है
एक नई आजा़दी , उड़ान , पंख और प्यार की
परिभाषा इससे बड़ी नहीं हो सकती । मेरा ढेर
सारा प्यार तुम तक पहुंँचे ।।
तुम्हारा दोस्त
निखिल


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