QUOTES ON #NEHASINGHAL

#nehasinghal quotes

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30 MAY 2020 AT 14:11

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12 JUN 2019 AT 7:46

अनुभूति के
रस में डूबकर
मनोभाव जब
स्थिर हो जाता है
तब भवसागर में
विचारों की वेगवान
अनंत लहरें भी
रोक नहीं पाती
मिलने से....
कल्पना को कवि से
प्रेमी को प्रियतम से
आत्मा को परमात्मा से
बिम्ब को प्रतिबिम्ब से!

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29 JUN 2019 AT 13:33

शब्दविहीन है
अवचेतन मेरा
भाषा अनभिज्ञ
जान पड़ रही है
और भाव विभ्रमित
जूझ रहे दैहिक स्तर
पर अव्यक्तता से
हिय आविर्भूत है
कृतज्ञता से,
सुख से, प्रेम से

क़लम मिथ्यालाप नहीं
करना चाहती,भाव
भावना मंद पड़ रही है
सुख सुख लग रहा है
और दुःख आनन्द
प्रेम प्रगाढ़ होता
जा रहा है
शायद.......
मन मौन को
पचा रहा है!!

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26 JUL 2019 AT 17:32

मेरा "प्रेम"....
मुझसे प्रेम की परिभाषा पूछता है
परिभाषा दूं तो उदाहरण पूछता है
उदाहरण दूं तो तर्क पूछता है
तर्क दूं तो सार्थकता पूछता है
सार्थकता दूं तो उपयोगिता पूछता है
क्या कहा ...उपयोगिता ??
.....नहीं..... नहीं.....
फिर तुम वो प्रेम नहीं
जिसकी मुझे अभीप्सा है
क्योंकि जहां उपयोगिता है
वहां सीमा है,
जहां सीमा है, वहां अतृप्ति है
जहां अतृप्ति है, वहां अंत है
जहां अंत है, वहां सिर्फ सम्पर्क है
सम्पर्क ही में अस्थिरता है,
अनिश्चितता है, अपूर्णता है
मगर जो अनंत है,
वह मात्र सम्पर्क नहीं संबंध है
संबंध शाश्वत प्रेम का, अमरत्व का
किसी से बंधकर नहीं,
किसी से जुड़कर नहीं
अपने आप से, खुद से
अपनी दशा से, हर दिशा से !!!

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30 JUL 2019 AT 18:48

और खत्म हुआ आज वो मज़ाक
ना भूलकर भी कहेगा अब कोई
तलाक़ तलाक़ तलाक़ !!

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6 AUG 2019 AT 9:42

बिन
फेरे, बिन
हल्दी, बिन कुमकुम
"सर्वस्व" हो
तुम !!!

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4 AUG 2019 AT 11:58

मैंने तो अब तक के अपने सफ़र में यही पाया है....

जब जब जिंदगी आंधी लायी है इम्तिहान की
तब तब दोस्ती बरसात लायी है इत्मिनान की !!

🤝🤞♥️🤞🤝

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20 JUL 2019 AT 17:00

हृदय में
"निष्कामता"
के अभाव में
वाणी व विचार से
'आध्यात्मिक' उपदेश
व प्रवचन करना
बिल्कुल वैसा ही है
जैसे उपदेश करते वक्त
सीताराम सीताराम
राधेश्याम राधेश्याम
लिखी चादर ओढ़ लेना
और फिर......
उपदेश समापन पर
उतार देना !!!

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5 APR 2019 AT 16:56

लोग कह रहे हैं लगता है तन्हाई ने तुम्हें आ घेरा है जो आजकल लिखने लगे हो
हमने कहा "जी नहीं, एकाग्रता ने हमें 'चुना' है जो लेखन का थोड़ा प्रयास करने लगे हैं।"

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4 AUG 2019 AT 21:15

अवांछित तत्वों
और परिस्थितियों
से दूर जाकर
शांति तलाशना...
अपने भीतर की
शांति से अनभिज्ञ
एवं ऊर्जा से
अपरिचित होना
ही होता है ना.....

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