QUOTES ON #NAWAB_RAI

#nawab_rai quotes

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26 APR 2020 AT 14:19

माना कि मुझसे ये खराबी नहीं जाती,
मोहब्बत लुटायी दिल खोल के मैंने,
क्या करू इश्क़ में ये नवाबी नही जाती ।

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11 AUG 2020 AT 11:49

गोपियों ने भर ली हैं मटकियां माखन की,
ग्वाले भी छोड़ अपने सभी काम आये हैं,
आज फिर से राधा के राधेश हमारे श्याम आये हैं,
बुराई के नाश को साथ में हलधर प्रभु बलराम आये हैं,
जो है सभी देवों के देवेश और गोपियों के गोपेश,
जिनके आगमन में होने नतमस्तक चारों धाम आये हैं,
सारे जग के स्वामी ईषना अपने गोकुलधाम आये हैं।

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22 SEP 2020 AT 12:11

तज़ुर्बा कैसे होगा

पावँ फिसले तो फिसलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
ज़रा गिरे हुए को संभलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
पत्थरों से कह दो इतने सख्त न बने,
के ज़रा मोम-सा पिघलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
जम-सा गया हूँ कि कुछ महसूस नहीं होता,
ज़रा बर्फ को तो गलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
कौन अच्छा है बुरा कौन है पता चले,
आस्तीन में साँप को तो पलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
बुज़ुर्ग कहते हैं कि कुछ सीख गलतिओं से,
ज़ीस्त की कुछ शाम को तो ढलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
क्यों जलता है तू औरों को देख कर,
बाकी ज़माने को तो जलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
कांटो से डर कर मंज़िल कहां मिलती,
ज़रा पावँ को तो चलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा,
हुजरे में कौन सीखता है दुनियादारी,
के घर से तो निकलने दे के तज़ुर्बा कैसे होगा।

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12 SEP 2020 AT 16:26

Dil ko smbhal tu apne ek amaanat ki tarah
Ki tod na paye koi ise ek kaanch ki tarah
Na arzi laga khuda se us mohabbat ko pane ki
Jisne dubo diya sharab m tujhe ek barf ki tarah

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10 AUG 2020 AT 16:27

ज़िक्र उठा है तो याद तेरी हर एक बात आई है,
फिर से नम हुई मेरी आँखें इसलिए की,
एक क़िताब तेरी यादों की मेरे हाथ आई है,
भूल आया था सब कुछ तेरे शहर में अपना,
कि ताज़ा करने को यादें फिर से वो बरसात आई है ।

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11 AUG 2020 AT 20:03

शब्दों को तराश के जो पारस-सा बना दे,
किसी ऐसे साहित्य के जौहरी को बुला लें,
लगता है इश्क़ हो गया है ख़ुदा को भी अपनें,
तो उसने सोचा राहत इंदौरी को बुला लें ।

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7 SEP 2020 AT 14:45

Tere dil ki bt m teri ek khawahish dabi h
Sath chale jo tere aise sathi ki tujhe zarurat abhi h
Na zameen kheench apne pairon tale tu
Kyunki aazmaane ke liye abhi puri duniya padi h

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12 AUG 2020 AT 21:51

मेरे ज़नाज़े पर वो इस क़दकर रोया है ,
ज़ैसे मेरा क़ातिल कोई और हो ।

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13 AUG 2020 AT 18:44

हर रोज़ भीगता हूँ कि तुझसे इश्क़ है,
ऐ बारिश तू ऐसा क्यों सोचती है,
तुझे बताता हूं मेरे भीगने की वज़ह,
कि मेरी माँ आँचल से मेरा सिर पोछती है।

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11 AUG 2020 AT 20:53

वो कहता था बुलाती है मगर जाने का नहीं,
जिंदगी से ज्यादा खूबसूरत होगी शायद वो,
इस लिए वो मौत का हुआ ज़माने का नहीं।

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