और फिर एक बार ,
बेवजह की सोचों का परेशान करना ..
जिन्दा रहते हुए मौत से लड़ना ....
हक़ीक़त सामने होते हुए ,
ख्वाबों को हक़ीक़त से तौलना ...
आखिरकार तो नतीजा शून्य ही होगा.
फिर ये अस्थिरता...
हाँ शायद यही है इंसानी फ़ितरत..
हाँ यकीनन....!!!-
हम हर वो hastags आजमाते हैं जिन से,
हमारे creativity को popularity मिल सके...!!
पर ऐसा सब के लिए होता नहीं...!!
ठीक उसी तरह,
जिंदगी के अंत तक हम हर वो काम करना चाहते है .....
जिस से हमे सुकून मिले.
(हाँ कभी-कभी सुकून की तलाश में
उठाए गए कदम गलत भी होते हैं. )
पर ऐसा होता नहीं.
कहीं हम गलत तो कहीं सही होते हैं.
कभी-कभी गलती से सबक मिलती है
तो कभी-कभी सही करके भी.-
किसी ने कहा..
तुम सोचती बहुत हो
अब जाहिर है
सोच के बिना तो
जिंदगी भी आगे नहीं बढ़ती.-
लफ्ज़ों की तलवार का....
जो जितना दर्द सहता है,
वो उतना ही मौन रहता है !!
ये दर्द रूह को छलनी कर देता है...
तब कहीं मौन जन्म लेता है !!
लहेजों को इल्ज़ाम देकर हम,
हर्फ़ो को बचाते हैं.....
ये हर्फ़ ही तो है जो ,
सारी फसाद मचाते हैं !!
हाँ मौन
यूँ ही तो नहीं...बसता हममें......!!!!!-
यहाँ लोगों ने दोगले चेहरे लगा रखे हैं
यहाँ हर चीज़ मज़ाक में सिमटती जा रही
ऐसे में motivation, philosophy, inspiration जैसी बातों के लिए जगह सीमित होती जा रही.-
खाना खाते वक्त मुझे ध्यान आया
जो लोग साग सब्जियों के अधिक उत्पादन के लिए
तरह-तरह के दवा उपयोग करते है
और उन खाद्य पदार्थों को जहरीली बना देते हैं
आज वक्त की करवट देखो
उन सब्जियों को खरीदने के लिए लोग कम पड़ जा रहे.
प्रकृति से छेड़-छाड़ का ही नतीजा हमलोग भुगत रहे
एक डर में जी रहे.
जमा किया गया संपति हो या
हमारे अपने हों....
कोई काम नहीं आ रहा.
ऐसी जिंदगी तो सोची भी नहीं थी हमने.-
ये दिसम्बर की सुबह ,कोहरे में लिपटी वादी...
ऐसे समेटे हुए हैं एक दूसरे को...
जैसे तुमने समेटा हो .....
मेरे तपते जिस्म को ठंडक देते हुए.
(एक एहसास)-
Everyone who believes in love...
They better know that the
pain that often waiting on the other side.
Still he listens to his/her heart.
Some people can think that
They are foolish...
No...no....actually,
They wouldn't give up on love.
__Rashmi Sri....✍-
शायद हम समझ नहीं पाते कि
कभी-कभी बात सही और गलत की नहीं..
ज्यादा गलत और कम गलत की होती है.-