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6 SEP 2019 AT 12:27
निकले तो थे,
मिलने तुमसे ,ख़्वाबों में
मगर...
कम्बख़्त, ये ख़्वाब भी
ख़्वाब ही रह गए।-
3 SEP 2019 AT 11:38
ज़िन्दगी मुझे अपनी औकात याद दिलाती रहती है
जब भी लिखने की सोचता हूँ, मुझे मैरे हालात याद दिलाती रहती है।-
3 SEP 2019 AT 14:09
शौक जीने का होता तो कब के बह जाते बन के ख़ाक किसी दरिया में
हमे तो मोहब्बत मौत से है, बस इसीलिए जी रहे है उनके ऐहसान तले।-
4 SEP 2019 AT 12:10
Instagram- @_alfaaz_or
कल्पनाओं से हकीक़त तक... ,सिर्फ तुम
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