" ज़िद " किसी को पाने की हर पल न किया कर ।😐
"हमराह" हर्गिज़ बनाने की कोशिश न किया कर।👫
मांगा कर हाथ उसका तू उस "परवरदिगार" से ,💍
यू माथे को लाल उसके "जबरन" न किया कर। 😔
- फ़हीम पटेल मेमन-
पढ़ लो मेरी लिखावट को ,मत पूछो तुम सच्चाई क्या !! 📝
तुम सब तो मेरे अपने हो फिर तुमसे यू, रुसवाई क्या !! 👬
उठाई थी मेने तो कलम हाथो में आज भी ,✍
के कागज फिर ये बोल उठा बस कर पगले , रुलायेगा क्या ..!!😉
- फ़हीम पटेल मेमन-
कोई है उसूलो का पाबंद, तो कोई आशिके शराब है ,📖
अरे अच्छाई और बुराई तो " किरदार " के दो पहलू है ,
हुज़ूर ..!! 🙄
यू बेवजह ताने " मजहब " को मुनासिब तो नही ? 🤔
फहीम पटेल मेमन-
😇 " मुस्कुराहट " 😇
रूठे अपनो को मनाने को वो साथ आती है, 😔
सहमा सा दिल बहलाने को वो साथ आती है, ❤
रुख तस्वीर में सिर्फ चेहरे का काफी नही हुज़ूर , 📷
" मुस्कुराहट " ही तो लबो पे , चाँद चार लगाती है। 😇
-फ़हीम पटेल मेमन-
" अफवाह "
चंद अल्फ़ाज़ क्या लिखे मैने कल,"परहेज़गारी" के नाम पर ।🤔✍️
अफवाह अपनो ने ये फैलादी की "मोहब्बत" है हमे ।🙄💚
#कलकीहीतोबातहै 😉 #मज़ाक़तक
- फहीम पटेल मेमन-
" मतदान - 2022 "
सुबह फिर मेरी गली में एक आवाज़ आई । 📢
हमे ही देना वोट , फिर ये गुहार आई । 👆
कोई सच मे करे "आज़ाद" भारत को तो बने बात। 🇮🇳
यू तो यहाँ कानून हजार और कई "सरकारे"आई ।🤔
#Elections #India
- फ़हीम पटेल मेमन-
" मेहताब "
बैठा दें " चाँद " आँगन में हम भी , मेहमान बना कर । 🌛
बस " मेहमान नवाज़ी " को यहाँ, कोई " चाँद " तो मिले ..!!😉
#मज़ाकमज़ाकमें #मेहताब : चाँद
-फहीम पटेल मेमन-
परख अगर ना कर पाओ, तो कसूर हमारा क्या ?🤔
अब हर कोई अपने पेशे से " सुनार " थोड़ी है ।😉
- फहीम पटेल मेमन-
👳" यौमे मज़दूर "
कागज़ पर बिछी रेखाओं को ," दिवार " करता है , 🏢
" रंग " हो या फिर " नक्काशी " वो क्या खूब करता है। 👳
" इंजीनियर " तो है अधूरा सा एक मज़दूर के बिना,👲
मज़दूर ही तो घर सपनो का " साकार " करता हैं । 🏡
#International Labour Day
- फहीम पटेल मेमन-