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घर आँगन अपना छोड़ के वो
सीमा पर जाने वाला है ।
इक माँ का राजदुलारा अब
दूजी माँ का "रखवाला" है...
जब जब गोलियाँ वीरों की
छाती को छलनी करती हैं ।
अश्क़ों की जगह लहू से
सारे हिन्द की आँखें भरती हैं...
सरहद पर मर मिटने वाले,
देकर कितने पैगाम गए ।
हाँ अपने खून की स्याही से
वो लिखकर "हिंदुस्तान" गए...-
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
शब्द नहीं है मेरे पास
जो भारत की गुणगान लिखूं
पर आओ मिलकर साथ कहें सब
🇮🇳भारत🇮🇳 माता तेरी जय ।
कितने बलिदानें दी हैं ,
भारत🇮🇳 के वीर सपूतों नें
ये धरती है वीरों का जी ,
उन शहीदों🇮🇳 और मतवालों का
जान हथेली पर लेकर जो,
🚶चलते है अंधियारों में
सरहद की रक्षा के लिए ,
जो खुद को मिटा देते है वो🙏
अरे सौभाग्य हमारा , जो जन्में है
उस मिट्टी के चौबारों पे 🙏🙏🇮🇳
🇮🇳अब समय है आ पड़ा
एकता और देश प्रेम दिखाने का
उन शहीदों के सम्मानों में
मोमब्त्ती और दीप जलाने का🇮🇳
🙏क्षमा चाहुगां🙏
🇮🇳Today I dedicate those brave martyrs-
Ajeeb
kash-m-kash
me hai ye dil maa.
Teri qurbaani
chand lafzo me
bayaan krna
Mushkil hai boht..-
The sacrifices of the brave warriors are lost
somewhere in midst of the trending topics
such as mental Illness, suicide and depression,
They are the one who planted themselves
like a strong tree in the barren land to gift us a
beautiful sunrise and a soothing sunset,
They woke up every morning with no hope to
wake up the next morning,
Being isolated to the land that's not so safe,
they stand tall protecting the shine of our flag
and pride of our nation,
Being isolated from their own families they stay
awake to keep us away from the harm and ravages,
The patriotism in them never dies even though they
are lying in the puddle of their own blood waiting
for the death to take them away from their
loved ones,
Let's take a moment for a tribute to the warriors
who had chosen to die for their nation rather than
to live for their families...!!!-
इस वतन के लिए अपने आप को
सरहदों पर हवाले कर दिया ,
कभी तिरंगा लहराने के लिए ,
या देशवासियो को बचाने के लिए
अपने आप को न्योछावर कर दिया ,
लहू -लहू बहाकर इस माटी को सलामत रखा ,
कभी तिरंगा लहरा कर या उसमें लिपट पर ,
हमेशा अपने आप को साबित किया ।
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अपने ही अपनों के दुश्मन बने बैठे हैं
घर घर में ही नक्शली बन के बैठे हैं
लोगों के जाने क्या हो गया है
देश के रखवालों को ही मार कर बैठे हैं
इंसान इतना राक्षस बन बैठा हैं
अपनों को ही घेरकर गोली दाग के बैठे हैं
शायद जलियावाला बाग का इतिहास वापस रचा है
पर इस बार दुश्मन भी अपने ही बन बैठे हैं
CRPF जवानों की शहादत पे कौन सा इंसाफ होगा
क्या अबकी बार कोई राम कृष्ण महाकाल के जैसा इंसाफ होगा।
-📝Jyoti Choudhary (monu)
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प्रत्येक मनुष्य का प्राण वही है,
हर जीव जंतु व प्राणी में विद्यमान वही है ।
पहले कितनी शिकायतें उस प्रभु से करते थे,
किंतु अब मौन होकर खड़े रहते हैं,
सब स्वस्थ रहें और अपने जीवन में अच्छा करें यही प्रभु से कहते हैं।
पोंछ कर देखो आंसू किसी के,
रहता जन्नत का सुख उसमे सारा
अब तो हर पल उस प्रभु की कृपा का करते हैं दिल से शुक्रिया,
उन्होंने दिया है हम सबको सहारा।
देश के शहीदों को नमन है हमारा,
उनके जाने से देश दुखी है सारा।
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को देखे कर आज मेरा कलेजा भर गया
जब वो डेढ़ महीने की बच्ची को छोड़ कर
भारत मा की गोंद में सो गया।।-