madre watan se ishq kar ke to dekh
janaze mein har aankh nam hogi.-
21 APR 2020 AT 9:43
हम-वतन साथियों, हम आसमाँ की
बुलंदी पे हों या धरातल की गहराई में, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
हम चमकते सितारे हों या डूबता सूरज, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
हम धधकते अंगारे हों या पिघलती बर्फ़, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
हम जुनून में उबलें या ठंडे पड़ जायें, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
हम शीर्ष ए शोहरत हों या गुमनाम अंधेरे, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
हम आज़ाद परिंदे हों या पिंजड़ों में क़ैद, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
हम ज़िंदा हक़ीक़त हों या दफ़न यादें, हर ज़िक्र मादरे वतन से जुड़ा होगा।
Aftab-