QUOTES ON #LUNATIC_WRITER_353

#lunatic_writer_353 quotes

Trending | Latest
20 DEC 2019 AT 19:54

वक़्त था नज़राना अदा करने का
जुकी हुवी नज़रों को उठाने का
दिल इक पल रुक के दौड़ने लगा
निगाहों मे डूबने से ना खुदको रोक पाया

-


6 DEC 2019 AT 22:10

A crime was done unknowingly
Or maybe under some influence
They confessed their crime and
Got punishment in abundance
But what if it's your own child
The act done with full allowance
Which you give her as penalty
For the reason totally coincidence
Lust was so on to your head
That you can't find any difference
These are some unspoken tales
Everyday India experience

-


24 NOV 2019 AT 16:35

If your mouth is always chewing
And also you hate the food sharing
Have some bills unpaid and furniture renewing
And a career you always try pursuing
Then also have a boat for canoeing
Love always to do barbecuing
Have a friendship more valuing
Then only you can say, “How you doin'?”

-


24 MAR 2020 AT 0:54

टूटे कुछ रिश्ते ऐसे,
बिना बोले ज़ुबां बदनाम होगई
दिमाग तो गुमसुम रहा
और आंखे असुऑ का जाम पिगई

-


24 JAN 2021 AT 10:26

कुछ दूरियां बाकी रेहनी चाहिए
मोहब्बत बिना इकरार, बाकी रहना चाहिए
यूं नाराज़ हुवे अच्छे नहीं लगते हमसे,
कुछ बाते कबर के लिए भी बाकी रहनी चाहिए

-


31 JAN 2020 AT 10:01

ज़िन्दगी को दो पहलू में ढाल लिया
सुख और दुख को भी गले लगा लिया
अब क्यों बेचैन रहता हैं तू दिल
जो बच गया उसने तुझे दुआ में मांग लिया...

-


7 DEC 2019 AT 12:47

इशारे समझ ने की आदत लग गई
आंखों मे आंसू पढ़ना आगया
फिर भी बेवकूफ बने फिरते हैं
वरना कोई चैन से ना सौ पाएगा

-


25 APR 2020 AT 6:52

यादों की कुछ अनकही बातें अधूरी ही रहने दो
दो लफ्जो मे बयां करने की कोशिश ही रहने दो
इजाज़त दी हैं आज तो कल शायद ना मिलने दे
पलके ना झुकाओ, तुम्हारी आंखों में यूहीं दुबे रहने दो

-


20 NOV 2019 AT 21:12

घमंड मे झगड़े को बढ़ाइए क्यों रखा हैं
आज में चुप हूं कल तुम होंगे
ज़ुबान को जकड़ाए क्यों रखा हैं
बात ही तो करनी हैं इक बार
अपना मूह फुलाए क्यों रखा हैं
जाने के लिए पूरा जहां हैं तेरे पास
अपने आप को यह बिठाए क्यों रखा हैं
आंखे घुमा के चुपके से तो देख रहे हो
फिर अपना चेहरा फिराए क्यों रखा हैं
उन्हीं नज़रों मे से तो मोहब्बत दिखती हैं
गुस्से से मोहब्बत को छुपाए क्यों रखा हैं

-


2 NOV 2019 AT 22:47

तुझे दिखता हूं नई,
लेकिन चला नहीं गया,
तेरी गलियों केसे छोदू में,
जाने का मन नहीं करता,
तेरा गुस्सा होना ज़ाहिर हैं,
लेकिन मुझे निकाल नहीं सकता,
निकाल ने का तेरा हक नहीं,
चाहे तू भी परेशान होता होगा,
तेरा गुस्सा मेंने समेत लिया,
तुझे मुझे झेलना होगा,
तूने मुझे गएर समझ लिया,
लेकिन में भाई कहूं तुझे, वह सुनना पड़ेगा।

-